किन परिस्थितियो में गैंगरेप पीडिता की सराय अंकिल कोतवाली से वायरल की गयी ये वीडियो!

Update: 2019-09-24 16:44 GMT

कौशाम्बी। सराय अंकिल थाना क्षेत्र के कस्बे में चार दिनो पूर्व एक दलित नाबालिग बालिका के साथ गैर समुदाय के तीन लोगो ने सामूहिक दुष्कर्म किया था।आरोपियो ने खुद रेप करते हुए बालिका का वीडियो बना डाला। गैंगरेप की घटना के एक आरोपी को जनता ने मौके से पकडकर सराय अकिल पुलिस को उसी समय सौप दिया जिसके मोबाइल में गैंगरेप पीडिता से रेप करते हुए वीडियो थी। पुलिस ने इस वीडियो को मोबाइल समेत पकडे गये आरोपी से ले लिया।

गैंगरेप की इस घटना को लेकर पीडिता के साथ उसका पिता न्याय मांगने सराय अकिल थाने गया और थाने पर इंस्पेक्टर ने उससे तहरीर न लेकर उसे लाठियो से बेरहमी से पीट दिया। योगी राज में क्या कौशाम्बी की पुलिस अब इतनी बेलगाम हो गयी है कि उसे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इकबाल का भी तनिक भय नही रह गया है।

अब सवाल उठता है कि योगी के इकबाल का भय पुलिस को होता तो दिन दहाड़े दलित बालिका के साथ हुए गैंगरेप की घटना के बाद पीडिता के पिता को पीटने का साहस सराय अंकिल इंस्पेक्टर न करते। एक तरफ पीडिता के पिता पर पुलिसिया लाठियो की चोट तो दूसरी तरफ बेटी की अस्मत लुटने से पूरा परिवार जिंदा होते हुए मृतक समान हो गया। पकडे गये आरोपी के पास जब पुलिस ने वीडियो सहित मोबाइल ले लिया तो इंस्पेक्टर द्वारा गैंगरेप का वीडियो क्यों वायरल कराया गया यह इंस्पेक्टर की भूमिका पर बडा सवाल है।

पूरे प्रदेश को हिला कर रख देने वाली कौशाम्बी की गैंगरेप की घटना के बाद पुलिस अधिकारियो ने सराय अंकिल कोतवाल एक निर्दोष उपनिरीक्षक और दीवान को लाइन हाजिर किया है पुलिस महकमे की यह कौन सी सजा है। इसे पुलिस अधिकारी परिभाषित करे। जिससे दोषी दरोगा पर की गयी कार्यवाही को जिलेवासी भी जान जाये।

गैंगरेप की घटना को पचाने के उद्देश्य से पीड़ित बालिका के पिता को थाने में पीटने के दोषी पुलिसजनो को लाइन हाजिर करना कोई सजा नही है।

तो फिर गैंगरेप का वीडियो वायरल करना यह पुलिस के किस दुस्साहस का परिचायक है। वीडियो वायरल करने के मामले में अभी तक सराय अंकिल इंस्पेक्टर पर पुलिस अधिकारियो ने मुकदमा नही दर्ज कराया है तो कम से कम गैंगरेप पीडिता के पिता को सराय अंकिल कोतवाली के भीतर लाठियो से पीटे जाने के मामले में इंस्पेक्टर पर आलाधिकारियो को मुकदमा दर्ज करा कर निलंबित कर देना चाहिए लेकिन आलाधिकारियो ने अभी तक एैसा नही किया

आखिर किसके दबाव में दोषी सराय अंकिल इंस्पेक्टर के गुनाह माफ किये जा रहे है। यह बडा जॉच का विषय है और गैंगरेप के सम्पूर्ण मामले की जॉच गैर जनपद के राजपत्रित अधिकारी से कराकर इसकी सच्चाई आम जनता के सामने लायी जाये।

यदि सच में सूबे में भाजपा पारदर्शी सरकार चला रही है तो उसे जनता की अग्नि परीक्षा से गुजरना ही होगा और यदि गुनाहगार पुलिस जनो पर कार्यवाही नही होती तो पुलिस कम राजसत्ता को ज्यादा गुनाहगार कहा जा सकता है।इसलिए गैंगरेप की इस घटना में योगी सरकार को आम जनता के सामने अग्नि परीक्षा देनी होगी।

सुशील केशरवानी

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