कुशीनगर मॉब लिंचिंग पर मानवाधिकार ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव-DGP को भेजा नोटिस

रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के समय कई पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे.

Update: 2020-09-09 15:07 GMT

कुशीनगर : उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में भीड़ द्वारा एक हत्यारोपी को पीटकर मार दिए जाने के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) ने संज्ञान लिया है. एनएचआरसी ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी को एक नोटिस जारी किया है जिसमें हत्या के दोनों मामलों के संबंध में दर्ज रिपोर्ट की जांच स्थिति और एक विस्तृत रिपोर्ट चार हफ्ते के भीतर मांगी गई है.

मॉब लिंचिंग की घटना सोमवार की है. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को भी एक नोटिस जारी कर पूछा है कि क्या मृतक के परिजनों तक कोई राहत या मदद पहुंचाई गई क्योंकि राज्य उस शख्स के निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार को सुरक्षित रखने में नाकाम रहा है.

आयोग ने रिपोर्ट में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ शुरू की गई किसी भी अनुशासनात्मक कार्यवाई की स्थिति के बारे में भी जानकारी देने को कहा है. पुलिस की जानकारी के अनुसार मॉब लिंचिंग में मारा गया शख्स गोरखपुर जिले का रहने वाला था और सुधीर कुमार सिंह नाम के एक टीचर की तलाश में गांव आया था.

शख्स ने जैसे ही सुधीर को देखा, उसने अपने पिता की बंदूक निकाली और शिक्षक को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी. हत्या के बाद आरोपी ने भागने की कोशिश की लेकिन घर के बाहर भीड़ जमा हो गई जिसकी वजह से वह छत पर चढ़ गया. शख्स ने बंदूक हवा में लहराई और ग्रामीणों को दूर रखने के लिए गोलियां चलाई.

पुलिस ने बताया कि मौके पर मौजूद पुलिस की एक टीम ने छत पर उसका पीछा किया लेकिन वह भाग निकला. भीड़ ने उसे पकड़ लिया और बेरहमी से पीट-पीटकर मार दिया. बाद में घटना से संबंधित कुछ वीडियो सामने आए थे जिसमें भीड़ की चपेट में आने से पहले शख्स को पुलिस की हिरासत में देखा जा सकता था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक घटना के समय कई पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे. कुछ पुलिसकर्मियों ने भीड़ को काबू करने की कोशिश की लेकिन भीड़ तब तक नहीं रुकी जब तक शख्स की मौत नहीं हो गई. इलाके के थाना प्रभारी को लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया गया है.

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