मुजफ्फर राणा हत्याकांड: मेरठ की स्पेशल कोर्ट ने जांच अधिकारी दीपक मलिक के खिलाफ किया गैर जमानती वारंट जारी

समाजवादी पार्टी के नेता मुजफ्फर राणा की लोकल चुनावों के दौरान आरएलडी और एसपी कार्यकर्ताओं के बीच हुए संघर्ष में 28 अक्टूबर 2006 को चुनाव बूथ पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

Update: 2020-01-24 11:39 GMT

मेरठ. मेरठ की एक विशेष अदालत ने गुरुवार को समाजवादी पार्टी नेता मुजफ्फर राणा की हत्या मामले में सब इंस्पेक्टर दीपक मलिक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है. सरकारी वकील सिराजुद्दीन अल्वी के अनुसार, अदालत ने मलिक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट इसलिये जारी किया है क्योंकि वह इस मामले में सबूत पेश करने के लिए लंबे समय से पेश नहीं हुए.

6 फरवरी को है अगली सुनवाई

उन्होंने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट और मुजफ्फरनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से कहा गया है कि मामले में सुनवाई की अगली तारीख 6 फरवरी, 2020 को है. उस दिन सब-इंस्पेक्टर दीपक मलिक को कोर्ट में पेश किया जाए. दरअसल, मुजफ्फर राणा हत्याकांड में सब इंस्पेक्टर दीपक मलिक जांच अधिकारी रहे हैं.

बीएसपी सांसद कादिर राणा के खिलाफ मामला दर्ज

बता दें, समाजवादी पार्टी (SP) के नेता मुजफ्फर राणा की लोकल चुनावों के दौरान आरएलडी और एसपी कार्यकर्ताओं के बीच हुए संघर्ष में 28 अक्टूबर 2006 को चुनाव बूथ पर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने इस मामले में बीएसपी सांसद कादिर राणा और उनके भाई समेत चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बाद में पीड़ित परिवार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मुकदमे को मेरठ से मुजफ्फरनगर अदालत ट्रांसफर कर दिया था.

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