मुजफ्फरनगर पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का किया भंडाफोड़, 4 गिरफ्तार

सभी शातिर चोर दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में घर के बाहर खड़ी गाड़ियों को चोरी कर मुजफ्फरनगर में छिपा दिया करते थे।;

Update: 2025-08-19 12:10 GMT

मुजफ्फरनगर (जितेंद्र राठी : उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद की मंसूरपुर थाना पुलिस ने शनिवार देर रात संदिग्ध वाहन चेकिंग अभियान के दौरान दिल्ली देहरादून नेशनल हाईवे 58 से एक कार सवार चार लोग मुसाहिद, आसिफ,अनस और आजम को गिरफ्तार किया है। जिनकी निशानदेही पर पुलिस ने हाईवे पर स्थित एक प्लॉट से 6 चोरी की कार दो अवैध तमंचे कारतूस और वाहन चोरी करने के उपकरण भी बरामद किए हैं।

आलाधिकारियों की माने तो पुलिस गिरफ्त में आये इन अभियुक्तों ने बताया है कि वह दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में घर के बाहर खड़ी गाड़ियों को चोरी कर मुजफ्फरनगर में छिपा दिया करते थे। जिसके बाद मौका लगते ही उत्तराखंड में स्थित एक लाइसेंसी यार्ड में ले जाकर यह लोग इन चोरी की गाड़ियों को कटवाकर उनके पार्ट्स मार्केट में बेचने का काम करते थे।

जिसकी अधिक जानकारी देते हुए एसपी सिटी सत्यनारायण प्रजापत ने बताया कि चेकिंग के दौरान थाना मंसूरपुर पुलिस द्वारा एक गिरोह को पकड़ा गया है जो दिल्ली एनसीआर क्षेत्र से फोर व्हीलर जो पुरानी हो जाती है जिसमें वेगनर, ऑटो, ब्रेजा देसी गाड़ियों को चिन्हित करते हैं और वहां से चोरी करके फिर इन्हें छुपाते हैं और बाद में एक याद बना हुआ है जो उत्तराखंड के शहर में है संबंधित जनपद थाने को सूचित कर दिया गया है इसके बारे में वाहन लाइसेंस की आड़ में चोरी के वाहनों को काटने का काम करते हैं।

 जिन पर मुजफ्फरनगर में इन्होंने स्टोरेज यार्ड बना रखा था 6 गाड़ियां रिकवरी की गई है जिसमें से तीन वेगनर है एक ऑटो है एक ब्रेजा है एक मारुति सुजुकी इस तरह 6 गाड़ियां बरामद की गई है सभी गाड़ियां दिल्ली एनसीआर से चुराई गई है इसके संबंध में पांच मुकदमे भी ट्रेस हो गया है संबंधित थाना में सूचना दे दी गई है इसमें चार अभियुक्त पकड़े गए हैं।

 जिनका पूर्व में भी आपराधिक इतिहास रहा है जिसमें एक मुर्शद है जो खालापार क्षेत्र का रहने वाला है एक आजम है इसमें यह दो मुख्य उपयुक्त है जो बार-बार गाड़ियों को चुराकर और उसको काटकर उसको अलग-अलग पार्ट को इंजन को अलग-अलग बेचने का कार्य यह पहले भी करते हैं और अब दोबारा भी पकड़े गए हैं इस पूरे गैंग के खिलाफ मंसूरपुर थाना में गैंगस्टर की कार्रवाई अमल में लाई गई है अभी रीसेंट टाइम में जब यह सक्रिय हुए हैं इसमें एक मुख्य आयुक्त मुर्शद यह पिछले 8 महीना जेल में रहकर आया है यह पिछले साल भी जेल में गया था उसके बाद उन्होंने बताया कि आप 15, 16 गाड़ियां चुरा चुके हैं साड़ी गाड़ियां तजदीक नहीं हुई है लेकिन पुलिस विवेचना के दौरान सारी गाड़ियां तजदीक करने की कोशिश करेगी और उसके संबंध में जो भी मुकदमे लिखे गए हैं।

वहां पर उन्हें सूचित करते हुए बरामदगी के प्रयास भी किए जाएंगे चोरी करना इनका मेनली ऑपरेशन जो है दिल्ली एनसीआर , गुड़गांव या नोएडा क्षेत्र भी लगता है उसके बाद यह अलग-अलग स्थान पर इन गाड़ियों को छुपाते हैं और उत्तराखंड में एक स्थान पर ले जाकर जो लाइसेंस मिला हुआ है किसी जानने वाले का जो गाड़ियों को स्क्रैप करने का लाइसेंस होता है इस लाइसेंस की आड़ में बीच-बीच में चोरियों की गाड़ी काटकर अलग-अलग कबाड़ियों को बेचते हैं ताज महल बताया कि लोकल पुलिस को उनके बारे में पहले से आभास होता है इनमें से एक व्यक्ति थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है लोकल पुलिस बार-बार चेक करती रहती है इसलिए लोकल में गाड़ी चुराना इतना आसान नहीं होता लेकिन दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में गाड़ियां बाहर खड़ी मिल जाती है तो वहां से चुराने मैं आसानी होती है उसके बाद इन आराम से छुपा कर और काट कर मार्केट में सप्लाई कर सकते हैं पुलिस से बचने के लिए इस एरिया को अवॉइड करते हैं।

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