परिवहन मंत्री ने किया एआरटीओ कार्यालय में औचक निरीक्षण,परिसर में फैली गंदगी को लेकर अधिकारियों को लगाई फटकार

Update: 2019-08-27 07:55 GMT

धीरेन्द्र अवाना

नोएडा। सेक्टर 33 स्थित एआरटीओ कार्यालय में उस वक्त अधिकारियों के हाथ पैर फूल गये जब अचानक प्रदेश के परिवहन मंत्री अशोक कटारिया सोमवार को बिना सूचना के ही निरीक्षण करने पहुंचे।कार्यालय में फैली गंदगी को देखकर मंत्री ने नाराज होते हुये कहा कि एक तरफ हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वच्छता को लेकर कई योजनाएं लागू कर चुके हैं वही दुसरी तरफ सरकारी दफ्तर की ये हालात। इस को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर अगली बार कार्यालय की स्थिति इसी तरह मिली तो निश्चित ही कार्रवाई होगी। आपको बता दे कि मंत्री ने खुद सभी कमरों में जाकर पड़ताल की व गंदगी मिलने पर नाराजगी जताते हुये कहा कि अपने आसपास की सफाई कर्मचारी खुद भी कर सकते हैं। उन्हें किसी का इंतजार नहीं करना चाहिए।प्रधानमंत्री जब खुद सफाई कर सकते हैं तो हमें भी इसका ख्याल रखना चाहिए। 

परिसर में मौजूद एक शख्स ने आरसी जारी होने में आ रही समस्या की शिकायत की। शिकायत पर तुरंत कारवाई करते हुये मंत्री ने विभाग में तैनात केएल पांडे को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। ये विभाग कोइ पहला मामला नही इससे पहले भी कई मामलों में अधिकारियों से की है लेकिन आज तक उन शिकायतों पर कारवाई ना होना एक बड़ा सवाल है।क्या विभाग जानबूझ कर ऐसा कर रहा है क्या कोइ और कारण है।लोगों की माने तो विभाग उनको इतना परेशान कर देता है कि मजबूरन दलाल की शरण में जाना पड़ता है।करीब एक घंटे तक एआरटीओ कार्यालय में तैनात सभी लोगों के हाथ पैर फूले रहे व मंत्री के जाने के बाद ही उनकी सांस में सांस आयी।

परिवहन मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। उनकी टीम कठोर परिश्रम कर प्रदेश की जनता की हर सुविधा का ख्याल रख रही है।भविष्य में परिवहन विभाग में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।मंत्री ने राजस्व की जानकारी मांगी व इस महीने लक्ष्य के मुकाबले मात्र 58 फीसद राजस्व वसूली होने पर हैरानी जताते हुये कहा कि राजस्व में कमी होना गंभीर मामला है। राजस्व बढ़ोतरी के लिए अधिकारी फील्ड पर निकलें। डग्गामार बसों,ओवर लोड वाहनों समेत नियमों का उल्लंघन करने वालों आदि पर कार्रवाई कर राजस्व को बढ़ाया जाए।

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