नोएडा पुलिस ने बाइक वोट के ऑफिस पर की छापेमारी, 100 बाइक पांच चैक से भरे झोले और कागजात बरामद

Update: 2019-06-16 02:58 GMT

नोएडा पुलिस ने बाइक वोट कंपनी के खिलाफ कार्यवाही करते हुए एक बड़ी सफलता हासिल की है. नोएडा पुलिस ने संजय भाटी को रिमांड पर लेने के बाद जब गहनता से पूंछतांछ की तो उससे मिली जानकारी के अनुसार बाइक वोट के ऑफिस पर पुलिस ने छापेमारी में की. 

एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि बाइक वोट कंपनी के मामले को नोएडा पुलिस द्वारा गठित SIT जांच कर रही है. चूँकि पुलिस ने मुख्य आरोपी संजय भाटी को कोर्ट से एक सप्ताह के रिमांड पर ले रखा है और उससे इस केस के बावत जानकारी जुटाई जा रही है. मामले की जाँच गहनता से की जा रही है ताकि किसी तरह की कोई खामी न रह जाये. 

एसएसपी ने बताया इस दौरान पुलिस को बाइक वोट के ऑफिस से 100 बाइक, 5 बड़े बैग, कंप्यूटर, डॉक्यूमेंट और जले हुए दस्तावेज बरामद किए गए हैं. पुलिस कस्टडी रिमांड के दौरान उसके मुख्य आरोपी संजय भाटी से पूछताछ के बाद उसके हेड ऑफिस से "बाइक बॉट" स्कैम की जांच के लिए गठित GBN पुलिस की SIT ने बरामद किया है. यह पता चला है कि उसने पुलिस जांच से बचने के लिए कुछ सप्ताह पहले जानबूझकर अपने कार्यालय को जला दिया था. आगे की कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि नोएडा पुलिस ने बीते दिनों बाइक वोट कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस के दबाब के चलते खुद की गिरफ्तारी से बचने के लिए संजय भाटी ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया. उधर पुलिस ने एक सप्ताह का कोर्ट से रिमांड ले लिया है अब सघन पूंछतांछ जारी है. 

कौन है संजय भाटी?

संजय भाटी ने अपनी कंपनी का आफिस जीटी रोड पर दादरी के चीती गांव में बना रखा था. आरोप है कि वो राजस्थान के बीएसपी के एक विधायक का करीबी है. उसी के जरिए भाटी को गौतमबुद्ध नगर का बीएसपी का प्रभारी पद मिला था. बाद में उसकी कारगुजारियों के बारे में बसपा नेतृत्व को पता चला. इस पर उसे फौरन ही इस पद से हटा दिया गया. फिर भी उसने अपने रसूख का इस्तेमाल करके करोड़ों रुपए इकट्ठे कर लिए.

कितने लोग ठगे गए?

दादरी पुलिस के मुताबिक संजय भाटी की कंपनी ने दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में अपने ऑफिस खोले. और लोगों से करोड़ों रुपए का निवेश कराया. कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी यूपी के मुजफ्फरनगर, बिजनौर, इलाहाबाद और आगरा में अपने ऑफिस खोल चुकी थी. इसी तरह गुरुग्राम, फरीदाबाद, पानीपत और अंबाला में भी कंपनी अपना कामकाज शुरू करने जा रही थी. पंजाब के लुधियाना और जालंधर के साथ कंपनी ने चंडीगढ़ में भी आरटीओ दफ्तर में बाइक टैक्सी सेवा चलाने के लिए आवेदन किया था. कंपनी रांची, जयपुर, कोटा, उदयपुर, इंदौर और अहमदाबाद में भी अपने सेवाएं शुरू करने की तैयारी में थी. आरोप हैं कि संजय भाटी की कंपनी ने इन शहरों में फ्रैंचाइजी बांटकर लोगों से करोड़ों रुपए जुटा लिए हैं.

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