तेजबहादुर को चुनाव आयोग का जारी हुआ फरमान, हो सकता है पर्चा खारिज

Update: 2019-04-30 12:08 GMT

प्रधानमंत्री नरेंद्र दमोदर दास मोदी के ख़िलाफ़ वाराणसी से गठबंधन के उम्मीदवार तेज बहादुर यादव के नामांकन को लेकर पेंच फँस गया है. चुनाव आयोग ने ग़लत जानकारी देने पर उन्हें नोटिस भेज दिया है. अब देखना यह है कि पर्चा ख़ारिज होता है या नहीं? जिलाधिकारी वाराणसी ने नोटिस थमा दिया है. 


बता दें कि राजनैतिक पंडितों ने कल देर रात ही यह अनुमान लगाना शुरु कर दिया था कि पहले तेज बहादुर का पर्चा तो बचे तभी तो वो असली और नकली राष्ट्र भक्ति का राग अलापेगा लेकिन उससे पहले उनके कयास पर मुहर भी लग गई है. जाहिर है कि अब तेज बहादुर का पर्चा ही न रहे और फिर हर हर गंगे और हर हर मोदी ही बाबा की नगरी में गुन्जाय मान राह जाए, फिलहाल अभी इस नोटिस को देख कर तस्सली कर लीजिये ताकि पर्चा खारिज होने के बाद धुकधुका न कूदकर बाहर निकल जाय. 




 


जहाँ कल समाजवादी पार्टी के यह कहते है कि अब हम शालिनी यादव की जगह पर पूर्व सैनिक तेज बहादुर को अपना उम्मीदवार घोषित करते है. एकदम बीजेपी को मानो सांप सूंघ गया. इसका कारण यह नहीं है कि मोदी हार जायेंगे बल्कि मोदी और उनके चाहने वाले समर्थकों में यह होड़ है कि पहले से ज्यादा मतों से मोदी की जीत हो ताकि एक संदेश जाय कि वाराणसी के लोंगों को आज भी मोदी पर भरोसा है. लेकिन इस मिथक में रुकावट बने तेज बहादुर को नोटिस तो मिल ही गया है अगर सब कुछ सही रहा तो पर्चा ख़ारिज का भी संदेश जल्द ही आ जाएगा. देखिये और सुनिए गंगा में डूबक लगाकर बाबा विश्वनाथ और काल भैरव के दर्शन जरुर करिए. लेकिन कोतवाल सरकार को भी याद बनाये रखिये. 

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