आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की दो बिल्डिंगों को रामपुर जिला प्रशासन ने किया सील
रामपुर में जिला प्रशासन ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के दो भवनों को बुधवार की रात सील कर दिया. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी आलम खान ने कहा , ”अधिकारियों ने इसे 24 मई की रात को सील कर दिया और नोटिस चिपका दिया. वे बाड़ लगाने का काम भी कर रहे हैं.”;
रामपुर में जिला प्रशासन ने मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के दो भवनों को बुधवार की रात सील कर दिया. विश्वविद्यालय के एक अधिकारी आलम खान ने कहा , "अधिकारियों ने इसे 24 मई की रात को सील कर दिया और नोटिस चिपका दिया. वे बाड़ लगाने का काम भी कर रहे हैं."
बता दें कि हाई कोर्ट ने बीते 10 मई को आज़म खान को अंतरिम जमानत देते हुए रामपुर जिला मजिस्ट्रेट को निर्देश दिया था कि वह जौहर विश्वविद्यालय के परिसर से जुड़ी शत्रु संपत्ति को 30 जून 2022 तक अपने कब्जे में लें और इसके इर्द-गिर्द चहारदीवारी बना दें.
अदालत ने कहा था कि भूमि का कब्जा लेने की उक्त कवायद जब रामपुर के जिलाधिकारी के संतोष के अनुसार पूरी हो जाए तो आजम खान की अंतरिम जमानत को नियमित जमानत में बदल दिया जाएगा.
Uttar Pradesh | Two buildings of Rampur's Mohammad Ali Jauhar University sealed by the District Administration
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 25, 2022
"The officials sealed it last night, May 24 and pasted the notice. They are also carrying out the fencing work," says Alam Khan, a university official pic.twitter.com/uNhU4oF8LN
वही 23 मई को समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा लागू जमानत की एक शर्त को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. आजम खान का दावा है कि यह शर्त उनके जौहर विश्वविद्यालय की इमारतों को गिराने की है, जो कथित तौर पर शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके बनाई गई हैं.
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को वकील निजाम पाशा ने बताया कि उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत की शर्त के तौर पर विश्वविद्यालय को गिराने का आदेश दिया है और अब जिला प्रशासन आदेश का पालन करना चाहता है. पाशा ने अदालत से अनुरोध किया, कृपया इस याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करें. पीठ ने कहा कि जमानत की शर्त के तौर एक विश्वविद्यालय को कैसे ढहाया जा सकता है. इसके साथ ही पीठ ने पाशा से कहा कि वह मामले का जिक्र रजिस्ट्रार के समक्ष करें.
पाशा ने शुरुआत में कहा कि जिस जमीन पर विश्वविद्यालय बना है, उसे लेकर वक्फ बोर्ड और जमीन के संरक्षक के बीच एक विवाद को लेकर उच्च न्यायालय में रिट याचिका विचाराधीन है और उस पर स्थगन आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश ने जमानत की शर्त के रूप में भूमि को संरक्षक के सुपुर्द करने का आदेश दिया.
पाशा ने कहा कि अब जिला प्रशासन ने उस भूमि को विश्वविद्यालय के दो भवनों के बीच पड़ने वाली जमीन के हिस्से के तौर पर चिह्नित किया है और इमारतों को खाली करने का नोटिस जारी किया है, ताकि जमानत आदेश का पालन करने के लिए उन्हें गिराया जा सके. पीठ ने पाशा से इसे तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए रजिस्ट्रार के समक्ष उल्लेख करने को कहा.