शिक्षकों को मिल गया वेतन, अनुदेशक-शिक्षामित्र रह गए खाली हाथ
आखिर ऐसी क्या विडंबना है जिसकी वजह से त्यौहारी सीजन में भी अनुदेशक शिक्षामित्रों का समय से मानदेय भुगतान नहीं हो पाता है।;
त्यौहारी सीजन चल रहा है। ऐसे में दशहरा का पर्व बस दो ही दिन बाद आने वाला है। लोग तरह तरह के सामान खरीदेंगे,घूमेंगे और मेला देखेंगे। लेकिन अनुदेशक शिक्षामित्र कुछ नहीं कर पाएंगे। न तो वो मेला घूम पाएंगे और न ही कुछ खरीदारी कर पाएंगे, क्योंकि उनको समय से मानदेय नहीं मिल पाया है।
जबकि वहीं शिक्षकों के खाते में वेतन आज पोस्ट हो गया। समझ नहीं आता कि, 80 हजार पाने वाले शिक्षकों को समय से वेतन मिल जाता है और वहीं 9-10 हजार पाने वाले अनुदेशक शिक्षामित्रों को मानदेय क्यों नहीं मिल पाता?
क्या परिवार सिर्फ शिक्षकों के ही हैं, खर्चा सिर्फ शिक्षकों का ही रहता है। अनुदेशक परिवार नहीं चलाता है। आखिर ऐसी क्या विडंबना है जिसकी वजह से त्यौहारी सीजन में भी अनुदेशक शिक्षामित्रों का समय से मानदेय भुगतान नहीं हो पाता है।