नागरिकता संशोधन कानून: ममता बनर्जी मोदी से फिर भिड़ी, जनता देगी जबाब कौन सही और कौन गलत?

पश्चिम बंगाल की सीएम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आमने समाने

Update: 2019-12-22 13:53 GMT

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने पहले इसके पक्ष में बोला था। पीएम मोदी ने कहा कि पहले मनमोहन, ममता और सीपीएम के प्रकाश करात जैसे नेताओं ने पक्ष में राय दी थी।

नागरिकता संशोधन कानून पर विपक्ष के विरोध प्रदर्शनों पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'वोट बैंक की राजनीति करने वाले और खुद को भारत का भाग्य विधाता मानने वाले आज जब देश की जनता द्वारा नकार दिए गए हैं तो इन्होंने अपना पुराना हथियार निकाल लिया है- बांटों, भेद करो और राजनीति का उल्लू सीधा करो।'

इस बीच ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी की टिप्पणी पर पलटवार किया है। ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं जो कहा वह भी पब्लिक फोरम में है और आपने जो कहा है, वह भी जनता के सामने है।' पश्चिम बंगाल की सीएम ने नागरिकता संशोधन ऐक्ट और एनआरसी पर पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बयानों में अंतर को लेकर भी निशाना साधा।

ममता दीदी पर वार, जनता पर करो भरोसा

पीएम मोदी ने रामलीला मैदान से नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा कि बंगाल की जनता पर भरोसा करो, बंगाल के नागरिकों को आपने दुश्मन क्यों मान लिया है? उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले तक यही ममता दीदी संसद में खड़े होकर गुहार लगा रहीं थीं कि बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों को रोका जाए, वहां से आए पीड़ित शरणार्थियों की मदद की जाए।

'100 साल पुरानी पार्टी हिंसा पर चुप क्यों'

कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा था कि 100 वर्ष पुराने राजनीतिक दल से जुड़े नेता शांति के लिए एक आवाज उठाने को तैयार नहीं है और मौन रहकर पुलिसकर्मियों एवं अन्य लोगों पर हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जो लोग कागज-कागज, सर्टिफिकेट-सर्टिफिकेट के नाम पर मुस्लिमों को भ्रमित कर रहे हैं, उन्हें ये याद रखना चाहिए कि हमने गरीबों की भलाई के लिए, योजनाओं के लाभार्थी चुनते समय कभी कागजों की बंदिशें नहीं लगाईं।

'पाक से आए शरणार्थियों में से ज्यादातर दलित'

मोदी ने कहा कि पाकिस्तान से जो शरणार्थी आए हैं, उनमें से अधिकतर दलित परिवार से हैं। वहां आज भी दलितों के साथ दुर्व्यवहार होता है। वहां बेटियों के साथ अत्याचार होता है, जबरन शादी करके उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि झूठ बेचने वाले, अफवाह फैलाने वाले इन लोगों को पहचानने की ज़रूरत है। ये दो तरह के लोग हैं। एक वो लोग जिनकी राजनीति दशकों तक वोटबैंक पर ही टिकी रही है। दूसरे वो लोग जिनको इस राजनीति का लाभ मिला है।

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