ममता पहुंची चुनाव आयोग बोलीं मोदी का नामांकन रद्द करो, करदी बड़ी भूल, चुनाव आयोग ने दिया सही निर्णय तो फंस जायेगा पेच!

मोदी के पर्चे में फंस जायेगा पेच अगर चुनाव आयोग ने दिया सही निर्णय.

Update: 2019-04-30 10:27 GMT

प्रथ्वीसदास गुप्ता 

 चुनाव आयोग के पास नरेंद्र मोदी का नामांकन खारिज करने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने अपनी अर्जी लगाई है. तृणमूल कांग्रेस ने ममता बनर्जी  की ओर से मोदी का चुनावी नामांकन खारिज करने की मांग की है.अगर चुनाव आयोग ने सही निर्णय दिया तो मोदी के नामांकन में पेंच फंस सकता है. 


उन्होंने इसके लिए कहा है कि चुनाव आयोग के द्वारा जारी किये गये चौथे चरण के चुनाव के दिन नरेंद्र मोदी ने कोलकाता की श्रीरामपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि दीदी के जाने का समय आ चुका हैं. चुनाव का नतीजा निकलते ही बंगाल से तृणमूल कांग्रेस से 40 विधायक बीजेपी में शामिल होने वाले हैं. यह 40 विधायक मेरे संपर्क में हैं .खाली समय का इंतजार है. 23 को चुनाव की नतीजा भाजपा की तरफ में जैसे ही आएगा तृणमूल कांग्रेस का 40 विधायक दूसरे दिन भाजपा में शामिल हो जाएगें. 


इस बात को लेकर की ममता बैनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने आज केंद्रीय चुनाव आयोग के पास मांग की है, कि यह बात है चुनाव की विधि उल्लंघन करती हैं. यह घोषणा हॉर्स ट्रेडिंग के तहत मानी जाती है जो कि गैरकानूनी है.  मोदी जी झूठ का सहारा लेकर बंगाल के लोगों को गलतफहमी में डालना चाहते हैं. विधायक की बात होने की कोई सुबूत पेश करें. चुनाव आयोग के पास नहीं तो चुनाव आयोग मोदी का चुनाव में नामांकन रद्द करे.  इस बात को लेकर खुद ममता बनर्जी ने नाराजगी जताई और मांग की है इस तरह की गैर-कानूनी बात रैली में पब्लिक के सामने बताने की जो गलती की है.  अगर उसके पक्ष में कोई सुबूत पेश कर सकता है तो वह करें नहीं तो चुनाव आयोग अभी के अभी नरेंद्र दामोदरदास मोदी का नामांकन रद्द करे.


अब देखते हैं तृणमूल कांग्रेस की मांग चुनाव आयोग में सुनी जायेगी या नहीं और इसके पर कोई कार्रवाई करते हैं या नहीं. जहां पूरे देश में लोकतंत्र की सबसे बड़ा लोकसभा चुनाव है. जहां पूरे देश में शांति से चुनावी प्रक्रिया समाप्त होने जा रहे हैं. वहां बंगाल में शुरू से ही लोकसभा चुनाव चर्चा में बना हुआ है. जिसमें यह नया बाबा सामने आया है. बीजेपी का प्रधानमंत्री के दावेदार नरेंद्र दामोदर मोदी की नामांकन रद्द करने की मांग जो कि पूरे देश में पहली बार किसी पार्टी ने उठाई है. अगर यह बात साबित नहीं कर पाए तो नामांकन भी रद्द हो सकता है. 

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