COVID-19: अब इन को भी इंंश्योरेंस देगी बंगाल सरकार, दोगुनी की रकम

अपने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों (Doctors and medical workers) के लिए इंश्योरेंस (insurance) की घोषणा करके प. बंगाल (West Bengal) ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया था.

Update: 2020-03-30 11:55 GMT

नई दिल्ली: अपने डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों (Doctors and medical workers) के लिए इंश्योरेंस (insurance) की घोषणा करके प. बंगाल (West Bengal) ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया था. इसके बाद बंगाल ने इस सुविधा को प्राइवेट स्वास्थ्य कर्मियों (Private medical workers), सफाई कर्मियों और सहयोगी कर्मचारियों और उनके परिवारों को भी देने का फैसला किया है.

सरकार ने फैसला किया है कि इस योजना में पुलिस कर्मियों (Police personnel) को भी इस इंश्योरेंस कवर का फायदा मिलेगा. इस इंश्योरेंस (insurance) को दोगुना कर 10 लाख रुपये कर दिए गए हैं और इसकी अवधि को भी बढ़ाकर 15 मई तक कर दिया गया है.

कोरोना वायरस से लड़ाई में मदद के लिए इन राज्यों को खत लिख चुकी हैं ममता

इससे पहले ममता बनर्जी ने गुरुवार को देश के 18 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर राज्य के उन श्रमिकों को सहायता पहुंचाने का आग्रह किया था, जो कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण लॉकडाउन के बाद जगह-जगह फंस गए हैं.

उनका यह पत्र महाराष्ट्र (Maharashtra), उत्तर प्रदेश, केरल, दिल्ली, ओडिशा, कर्नाटक और पंजाब के मुख्यमंत्रियों को मिला है. इसमें बनर्जी ने कहा, 'हमें सूचना मिली है कि बंगाल के मूल निवासी ऐसे कई श्रमिक आपके राज्य में भी फंसे हुए हैं. हमें उनके लिए आपात स्थिति में फोन आ रहे.'

मुख्यमंत्रियों से श्रमिकों को आसरा, भोजन और चिकित्सा देने की की थी गुजारिश

मुख्यमंत्री ने कहा था कि सामान्य तौर पर वे 50-100 के समूह में हैं और स्थानीय प्रशासन (Local administration) आसानी से उन्हें पहचान सकता है. उन्होंने कहा, ''हम उन्हें कोई मदद नहीं पहुंचा सकते, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि कृपया अपने प्रशासन को उन्हें संकट के इस समय में बुनियादी आसरा, भोजन और चिकित्सा सहायता मुहैया कराने को कहें.' बनर्जी ने यह भी लिखा, ''हम बंगाल में में फंस गये ऐसे लोगों की देखभाल कर रहे हैं.'

इस बीच कोलकाता में राज्य के परिवहन सचिव एन एस निगम ने बताया था कि यहां हावड़ा स्टेशन (Howrah Station) पर ट्रेन सेवाएं निलंबित होने के कारण फंस गये सैकड़ों लोगों को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बसों से उनके गंतव्यों तक भेजा गया है. 

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