ममता बनर्जी की विवादित फोटो शेयर करने वाली प्रियंका शर्मा को मिली जमानत पर कोर्ट ने रखी ये शर्त
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर प्रियंका शर्मा फेसबुक पोस्ट पर माफी मांगती हैं तो ही उन्हें जमानत दी जाएगी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छेड़छाड़ (मॉर्फ) से तैयार की गई तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गिरफ्तार बीजेपी की महिला कार्यकर्ता की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर कर ली है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रियंका शर्मा को बेल मिल गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को सशर्त जमानत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर प्रियंका शर्मा फेसबुक पोस्ट पर माफी मांगती हैं तो ही उन्हें जमानत दी जाएगी. उन्हें तुरंत जमानत पर रिहा किया जाए. बाहर आते ही उन्हें मांफी मांगनी होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका की याचिका पर पश्चिम बंगाल सरकार को भी नोटिस जारी किया है. इस पर सुप्रीम कोर्ट बाद में सुनवाई करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि हम ये साफ करते हैं कि इस केस में तथ्यों के आधार पर ये फैसला दे रहे हैं. मेरिट पर सुनवाई बाद में होगी.
#WATCH Family of BJP youth wing worker Priyanka Sharma who has been granted conditional bail by SC celebrates the decision. Priyanka Sharma was arrested for posting an objectionable picture of West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee on social media. pic.twitter.com/vH9zil0KaJ
— ANI (@ANI) May 14, 2019
केस की सुनवाई के दौरान प्रियंका शर्मा के वकील एनके कौल ने कहा कि यह मामला कानून के उल्लंघन का है. एक मीम के लिए 14 दिन की हिरासत कहां तक जायज है. एनके कौल की इस दलील पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि प्रियंका शर्मा को इस तस्वीर के लिए माफी तो मांगनी ही चाहिए. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा तभी खत्म हो जाती है जब यह किसी के अधिकारों का उल्लंघन करती हो. इसलिए प्रियंका को माफी मांगनी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस के दो पक्ष हैं. पहला मामला कानून के उल्लंघन का है. प्रियंका शर्मा बीजेपी की कार्यकर्ता हैं. इसके पीछे की मंशा अलग है. अगर वे एक सामान्य नागरिक होतीं तो मामला दूसरा होता है. अगर कोई इससे आहत हो रहा है तो माफी मांगी जानी चाहिए.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल की इस दलील पर गौर किया कि जेल में बंद कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है.
प्रियंका शर्मा को तृणमूल कांग्रेस के नेता विभास हाजरा की शिकायत पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत 10 मई को गिरफ्तार किया था.
एनके कौल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में स्थानीय अदालतों में 14 मई तक पूर्ण हड़ताल होने के कारण ही बीजेपी की गिरफ्तार इस कार्यकर्ता को अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. इसके बाद पीठ इस मामले की मंगलवार को सुनवाई के लिए तैयार हुई.
उन्होंने बताया कि हावड़ा की स्थानीय अदालत ने 11 मई को प्रियंका को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद से वह न्यायिक हिरासत में ही है.
भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा ने फेसबुक पर एक ऐसी फोटो कथित रूप से साझा की थी जिसमें न्यूयॉर्क में 'मेट गाला' समारोह में एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा की तस्वीर में फोटोशॉप के जरिए ममता का चेहरा लगाया गया था. प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी के बाद बीजेपी और सोशल मीडिया के अन्य यूजर ने इसका जोरदार विरोध किया है.