पश्चिम बंगाल में चरम पर हिंसा, अब उत्तर 24 परगना में बम से हमला, 2 लोगों की मौत
इससे पहले एक आरएसएस और एक बीजेपी के कार्यकर्ता के पेड़ से लटकते शव पाए जाने से सनसनी फैल गई थी।
कोलकाता : पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कांकीनारा में बम धमाके में 2 लोगों की मौत हुई है और 4 लोग घायल हो गए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प के बीच यह ताजा घटना है, जिसने सूबे के माहौल को और बिगाड़ दिया है। हालांकि अभी इस घटना में यह साफ नहीं हो पाया है कि इसके पीछे किसका हाथ है। स्थानीय लोगों ने कहा, 'अज्ञात लोगों ने सोमवार रात को देसी बम फेंका था। हम बेहद डरे हुए हैं। इलाके में लूट की घटनाएं भी हुई हैं। हम प्रशासन से मदद की मांग करते हैं।'
इससे पहले एक आरएसएस और एक बीजेपी के कार्यकर्ता के पेड़ से लटकते शव पाए जाने से सनसनी फैल गई थी। सोमवार को हावड़ा के आमटा स्थित सरपोटा गांव में बीजेपी कार्यकर्ता समातुल दोलुई का शव पेड़ से लटकते हुए मिला था। दोलुई के परिवार और बीजेपी नेताओं ने इस घटना के पीछे तृणमूल कांग्रेस का हाथ बताया है।
हावड़ा बीजेपी के अध्यक्ष अनुपम मुलिक ने कहा, 'दोलुई बीजेपी का सक्रिय कार्यकर्ता था और उसने अपने बूथ में लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी को बढ़त दिलाई थी। 'जय श्रीराम' रैलियों में शामिल होने के चलते उसे लगातार जान से मारने की धमकियां भी मिल रही थीं। चुनाव के तुरंत बाद तृणमूल के लोगों द्वारा उसके घर पर भी तोड़फोड़ की गई थी।'
West Bengal: Two people killed, four injured in an explosion in Kankinara area (North 24 Parganas) last night. Locals says, "Unidentified miscreants lobbed a crude bomb last night. We are scared. There also have been robberies in the area. Demand administration to help us." pic.twitter.com/VxIdl3gAAs
— ANI (@ANI) June 11, 2019
पेड़ से लटकता मिला था संघ कार्यकर्ता का शव
इससे पहले रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता स्वदेश मन्ना का शव अतचटा गांव में पेड़ से लटकते हुए मिला था। मन्ना ने भी कुछ दिनों पूर्व स्थानीय स्तर पर 'जय श्रीराम' रैली निकाली थी।
ईश्वरचंद्र की मूर्ति का अनावरण करेंगी ममता
इस बीच सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूरे विवाद को बांग्ला अस्मिता से जोड़ने में जुटी हैं। मंगलवार को वह ईश्वरचंद्र विद्यासागर की नई प्रतिमा का अनावरण उसी कॉलेज में करेंगी, जहां चुनावों के दौरान हिंसा में मूर्ति टूट गई थी। इस घटना में टीएमसी ने बीजेपी का हाथा बताया था, जबकि बीजेपी ने ममता बनर्जी के समर्थकों पर वार किया था।