ममता बनर्जी ने विपक्ष को दिया बड़ा झटका, दिल्‍ली में होने वाली विपक्ष की बैठक का किया बहिष्कार...

ममता बनर्जी ने कहा है कि वह दिल्‍ली में 13 जनवरी को होने वाली विपक्षी दलों की गेालबंदी का हिस्‍सा नहीं होंगी और उसका बहिष्‍कार करेंगी.

Update: 2020-01-09 08:02 GMT

पश्‍चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष को बड़ा झटका दिया है. ममता बनर्जी ने कहा है कि वह दिल्‍ली में 13 जनवरी को होने वाली विपक्षी दलों की गेालबंदी का हिस्‍सा नहीं होंगी और उसका बहिष्‍कार करेंगी. उनका कहना है कि कांग्रेस और वाम दल पश्‍चिम बंगाल में गंदी राजनीति कर रहे हैं. इसलिए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी (NRC) के खिलाफ वह अपनी लड़ाई खुद लड़ेंगी.

ममता बनर्जी का यह स्‍टैंड इसलिए भी महत्‍वपूर्ण है कि वह नागरिकता संशोधन अधिनियम और प्रस्‍तावित एनआरसी के खिलाफ अपने राज्‍य पश्‍चिम बंगाल में विरोध का झंडा उठा रखा है. पूरे राज्‍य में वह एनआरसी और सीएए के खिलाफ कई रैली कर चुकी हैं. कई जगहों पर उन्‍होंने मार्च भी किया है. साथ ही CAA और NRC के विरोध में वह अकसर मोदी सरकार और खासकर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ हमलावर रही हैं.

लेकिन एक दिन पहले भारत बंद के दौरान पश्‍चिम बंगाल में जो कुछ हुआ, उससे वह शायद नाराज हो गई हैं. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने ट्रेड यूनियनों की 24 घंटे की देशव्यापी हड़ताल (Bharat Bandh) के समर्थन के लिए कांग्रेस और वाम दलों पर निशाना साधते हुए कहा, ''जिनका राजनीतिक तौर पर कोई अस्तित्व नहीं है वे लोग हड़ताल कर रहे हैं.'' उन्होंने कहा कि ये लोग बंद जैसी ओछी राजनीति करके राज्‍य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं. वह बंद के मकसद का समर्थन करती हैं, लेकिन उनकी पार्टी और सरकार किसी भी तरह के बंद के विरोध में हैं.

ममता बनर्जी ने यह भी कहा, ''हम बंगाल में किसी तरह के बंद की इजाजत नहीं देंगे. वे सीएए या एनआरसी के खिलाफ किसी बड़े आंदोलन से नहीं जुड़े हैं, न बंगाल में और न ही देश में कहीं और.''

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