पश्चिम बंगाल में नही थम रही हिंसा, टीेएमसी के तीन कार्यकताओं के घर पर बमबारी में तीन की मौत

17 वी लोकसभा चुनाव के दौरान से ही हिंसा का दौर शुरु हुआ है।

Update: 2019-06-15 06:26 GMT

पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर थमने का नाम नही ले रहा है। और आये दिन कही भाजपा तो कही टीएमसी के कार्यकर्ताओं को हिंसा का शिकार होना पड़ रहा है। वही कल यानि शुक्रवार रात को टीएमसी के कार्यकर्ता खैरुद्दीन शेख और सोहेल राणा की मृत्यु मुर्शीदाबाद में रात उनके घर पर बम फेंके जाने के बाद हो गई। खैरुद्दीन के बेटे मिलन शेख कहते हैं, "हम सो रहे थे, अचानक हमारे घर पर बमबारी की गई। उन्होंने मेरे पिता को गोली मार दी थी। पिछले कुछ दिन पहले मेरे चाचा भी हिंसा में मारे गये थे। टीएमसी का इस हत्या के पीछे कांग्रेस का हाथ बता रहे है। "

आपको बतादे कि 17  वी लोकसभा चुनाव के दौरान से ही हिंसा  का दौर शुरु हुआ है। और अभी तक ये हिंसा थमने का नाम नही ले रहा है, इस हिंसा में लगभग 15 लोगों की हत्या हो चुकी है। चुनाव के दौरान जब अमित शाह रोड़ शो कर रहे थे तब भी हिंसा हुआ था। जिसमें समाज सुधारक ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति भी टूट गई। जिससे वहा पर राजनीतिक मे एक नया मोड़ आ गया।  इस हिंसा के पीछे भाजपा और टीएमसी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे है। पश्चिम बंगाल मे जिस तरह का माहौल बना है उसको देखते हुए गृह मंत्री को आगे आना पड़ा। गृहमंत्री वहा के हालात को देखते हुए राज्य सरकार को हिंसा को रोकने के लिए कड़े नियम लगाने को कहा है। हिंसा को लेकर वहा के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मिलकर वहा के हिंसा  और घटना के बारे मे अवगत करा चुके है। 

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