West Bengal : भाटापारा में फिर लगे जय श्रीराम के नारे, एसएस अहलूवालिया ने पुलिस पर उठाये सवाल

17 साल के एक लड़के को उस समय गोली मारी गई जब वह कुछ खरीदने जा रहा था।

Update: 2019-06-22 09:02 GMT

पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल में हिंसा का दौर थमने का नाम नही ले रहा है। और आये दिन कहि ना कहि हिंसा हो रहा है। 17 वीं लोकसभा से लेकर अभी तक वहा कई हत्या तो कही बमबाजी से लोगों की जाने गई है। इस पर हर पार्टी एक दूसरे पर आरोप लगा रही है। वही गुरुवार को उत्तर परगना के भाटापारा में हुई हिंसा के बाद वहां तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। बंगाल में हाल ही में हुई हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। आज भाटापारा हिंसा के विरोध में कोलकाता में 3 सांसदों का दल विरोध जताया। सांसद एसएस अहलूवालिया के नेतृत्व में एक टीम आज कोलकाता पहुंची।। टीम में सांसद सत्यपाल सिंह और बी डी राम शामिल थे। किसी भी तरह की संभावित हिंसा से निपटने के लिए पुलिस ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया था। हर 50 मीटर के अंतर पर पुलिस को तैनात किया गया है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के साथ-साथ रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) और कॉम्बैट की भी तैनाती की गई है, जो इलाके में गश्त लगा रहे हैं।

पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रतिनिधि मंडल पहुचने पर राज्य मेंजय श्रीराम के नारे गुजे। भाजपा और टीएमसी के बीच झड़प को लेकर एसएस अहलुवालिया, भाटपार में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की और कहा कि पुलिस हवाई फायरिंग का सहारा लिया। लेकिन अगर उन्होंने ऐसा किया, तो यह लोगों के शरीर में कैसे प्रवेश कर गया? यह दुर्भाग्य की बात है। छोटे विक्रेताओं के परिवार समाप्त हो गए थे। पश्चिम बंगाल में भाजपा पुलिस ने उन्हें गोली मार दी। 

एसएस अहलूवालिया ने कहा कि  17 साल के एक लड़के को उस समय गोली मारी गई जब वह कुछ खरीदने जा रहा था। पुलिस ने प्वाइंट ब्लैंक रेंज से उसके सिर में गोली मार दी। एक वेंडर की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई। एक तीसरा अस्पताल में है। 7 लोगों को गोली लगी। पुलिस निर्दोष लोगों के लिए गुंडों और गोलियों के लिए बैटन का उपयोग करती है। इसकी पूछताछ होनी चाहिए।

उक्त तीनों भाजपा सांसदों के साथ बैरकपुर से सांसद अर्जुन सिंह और राज्य के अन्य वरिष्ठ नेता हालात का जायजा लेने के लिए गये थे। यह प्रतिनिधिमंडल मृतक के परिजनों और घायलों के परिजनों से मिलकर हालात का जायजा लेंगे। हिंसा कैसे फैली, लोगों की मौत कैसे हुई, पुलिस की क्या भूमिका रही है आदि के बारे में यह प्रतिनिधिमंडल एक रिपोर्ट तैयार करेगा जो केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को सौंपी जाएगी।

बतादें कि 20 जून को दो समुदायों के बीच हुई हिंसा में रामबाबू साव (17) और धर्मवीर साव(35) की गोली लगने से मौत हो गई है। भाजपा का आरोप है कि पुलिस की गोली लगने से उनकी मौत हुई है और कई अन्य लोग घायल हैं। यह भी आरोप है कि पुलिस भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है इसकी वजह से लोगों में भय का माहौल है। घटना के बाद ममता बनर्जी ने इस मामले में ठोस कार्रवाई का निर्देश दिया है। और भाटपार में स्थिति संवेदनशील बना है। 


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