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Delhi Special Coverage: कत्ल के बाद सड़क पर फेंके थे लाश के 6 टुकड़े, पुरानी रंजिश, खूनी साजिश और बदले फिर यूं खुला राज

Shiv Kumar Mishra
11 Nov 2022 5:44 AM GMT
Delhi Special Coverage:  कत्ल के बाद सड़क पर फेंके थे लाश के 6 टुकड़े, पुरानी रंजिश, खूनी साजिश और बदले फिर यूं खुला राज
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दिल्ली में रोड पर मिले इंसानी जिस्म के 6 टुकड़े

यूं तो जुर्म की दुनिया में कई चौंकाने वाले मामले सामने आते हैं. लेकिन साल 2017 में एक ऐसी खौफनाक वारदात सामने आई थी, जिसने दिल्ली पुलिस को ही घुमाकर रख दिया था. पुलिस उस वक्त हैरान परेशान रह गई थी, जब राजधानी की सड़कों पर इंसानी जिस्म के अलग-अलग कई टुकड़े बरामद हुए थे. उस वक्त पुलिस के सामने सबसे बड़ा सवाल यही था कि आख़िर वो इंसानी जिस्म के टुकड़े किसके थे? कौन था वो शख्स जिसे इस कदर बेरहमी से कत्ल किया गया था? किसने लाश को काटकर उसके टुकड़े किए थे? दिल्ली की सड़कों पर इंसानी जिस्म के टुकड़े किसने और क्यों फेंके थे?

दिल्ली में रोड पर मिले थे इंसानी जिस्म के टुकड़े

इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए हम कुछ साल पीछे जाना होगा. वो 31 मार्च 2017 का दिन था. सुबह के करीब 8 बज चुके थे. नॉर्थ दिल्ली में रिंग रोड पर उस रोज़ लोगों की निगाह एक ऐसी चीज़ पर पड़ी कि सबके रोंगटे खड़े हो गए. सड़क के बीचों-बीच किसी इंसान का कटा हुआ सिर कुछ इतने करीने से रखा था, मानों वो सिर ना हो कर कोई शो-पीस हो. लेकिन कटे सिर का ये सदमा भी जैसे काफी नहीं था. इसी सिर से कुछ दूरी पर चार अलग-अलग हिस्सों में इंसानी हाथ-पांव भी बिखरे पड़े थे. वो मंजर बेहद भयानक था और किसी खौफनाक वारदात की तरफ इशारा कर रहा था.

पुलिस ने इकट्ठा किए थे लाश के टुकड़े

लोग वो मंजर देखकर खौफजदा हो गए थे. किसी राहगीर ने इस बारे में पुलिस को इत्तिला दी. सूचना मिलने के बाद फौरन पुलिस मौके पर पहुंची और अलग-अलग हिस्सों में बिखरी लाश के इन टुकड़ों को इकट्ठा करना शुरू किया. इंसानी जिस्म को यूं देखकर पुलिस को ये समझते देर नहीं लगी कि यह मामला संगीन कत्ल का है. पुलिस ने इस मामल की तफ्तीश शुरू कर दी.

पुलिस के सामने था ब्लाइंड मर्डर केस

पुलिस ने तफ्तीश के दौरान पाया कि इंसानी जिस्म के वो टुकड़े करीब तीन किलोमीटर के दायरे में बिखरे पड़े थे. यानि कातिल ने जिस्म के कटे हुए हिस्सों को एक जगह पर नहीं, बल्कि रिंग रोड के इर्द-गिर्द घूम-घूम कर फेंका था. ताकि ना तो कभी इन टुकड़ों का मिलान हो और ना ही कभी क़त्ल की इस कहानी का राज़ खुल सके. यकीनन ये मामला देश की राजधानी में हुए एक ऐसे ख़ौफ़नाक क़त्ल की कहानी थी, जो इस वक्त पूरी तरह ब्लाइंड थी. ब्लाइंड यानी बेसुराग. लाश के इन टुकड़ों के सिवाय पुलिस के पास इस क़त्ल को लेकर फिलहाल और कोई जानकारी नहीं थी.

कटे हुए हाथ से मिला था सुराग

इंसान के कटे सिर और हाथ-पांव को देख कर इतना तो साफ हो गया था कि वो लाश किसी नौजवान की थी, लेकिन वो नौजवान कौन था. कहीं पास ही रहता था या फिर कहीं दूर से लाकर उसकी लाश यहां निपटाई गई थी. ये सब अभी राज़ बना हुआ था. लेकिन तभी पुलिस की नज़र एक ऐसी चीज़ पर पड़ी, जिसे देख उसे मामले की तफ्तीश में पहली उम्मीद नज़र आई. लाश के कटे हुए हाथ पर एक टैटू बना था. लिखा था- ओम साईं राम. अब ये ओम साईं राम ही पुलिस के पास पहला और इकलौता सुराग था. लेकिन सिर्फ इसी सुराग की बदौलत पुलिस के लिए मरने वाले की पहचान करना भी बेहद मुश्किल काम था.

संत नगर से गायब था एक नौजवान

पुलिस ने आस-पास के रिहायशी इलाक़ों में ऐसे लड़के की तलाश शुरू की, जो घर से गायब था. रिंग रोड पर जहां ये लाश मिली, उसके पास ही दिल्ली के बुराड़ी और संत नगर जैसे इलाके मौजूद हैं. ऐसे में पुलिस ने सबसे पहले उन्हीं जगहों पर गुमशुदा नौजवानों की तलाश का काम शुरू किया. पुलिस का ये काम भूसे के ढेर से सुई ढूंढ़ने जैसा था. लेकिन पुलिस पीछे नहीं हटी और जल्द ही उसे एक और कामयाबी मिली. पुलिस को पता चला कि वाकई संत नगर से नितिन नाम का एक नौजवान गायब है और इत्तेफाक से उसके हाथ पर भी ओम साईं राम का टैटू है.

घरवालों ने की थी नितिन की शिनाख्त

वाकई टुकड़ों में बिखरी इस लाश की हालत ऐसी थी, जिसे पहचान पाना आसान नहीं था और यहां तो मामला मां का था. वो भला अपने बेटे की ऐसी लाश कैसे पहचानती, लेकिन नितिन के छोटे भाई ने गलती नहीं की. उसने पहचान लिया कि ये लाश उसके भाई नितिन की ही है. लेकिन सवाल ये था कि महज़ एक शाम पहले अपने घर से गुम हुआ पच्चीस साल का नितिन आख़िर इस हाल में कैसे पहुंचा? उसका क़त्ल किसने किया? इसकी वजह क्या हो सकती थी? और क़ातिल ने लाश निपटाने के लिए इतना ख़ौफ़नाक तरीक़ा क्यों चुना?

सीसीटीवी फुटेज में दिखा था नितिन

ये तमाम सवाल हर किसी को बेचैन कर रहे थे. लेकिन इन सवालों की तह तक पहुंचने के लिए गहरी तफ़्तीश की दरकार थी. अब पुलिस ने आस-पास के इलाक़े में पूछताछ शुरू की. इसी कोशिश में उसे एक और सुराग मिला. वो सुराग था एक सीसीटीवी फुटेज. महज़ चंद सेकेंड की ये सीसीटीवी फुटेज संतनगर के ही एक केमिस्ट शॉप के पास लगे कैमरे में कैद हुई थी. जिसमें दो लड़के बाइक पर जाते हुए दिख रहे थे और इन दो लड़कों में एक नितिन था.

पुलिस के हाथ आया हैप्पी

पुलिस को पता चला कि नितिन एक दिन पहले शाम को एक दवा की दुकान के बाहर खड़ा होकर किसी से बात कर रहा था और बातचीत के बाद एक लड़के की बाइक पर बैठ कर कहीं चला गया था. जिंदा हालत में यही नितिन की आख़िरी तस्वीर थी. अब पुलिस ने सारा ज़ोर नितिन के साथ आख़िरी बार दिखे उस लड़के को तलाशने में लगा दिया. और पुलिस को कामयाबी भी मिल गई. उस लड़के की पहचान हैप्पी के तौर पर हुई. मगर, हैप्पी गायब था. अब पुलिस का शक और गहरा हो गया. उसे लगने लगा कि हो ना हो नितिन के कत्ल के पीछे हैप्पी का ही हाथ है.

आरोपी पवन तक पहुंची पुलिस

अब पुलिस हैप्पी को तलाश करने के लिए सर्विलांस का सहारा ले रही थी. हैप्पी की सीडीआर और मोबाइल लोकेशन भी खंगाली जा रही थी. इसी बीच टेक्नीकल सर्विलांस से पुलिस को पता चला कि एक दिन पहले रात के वक्त हैप्पी के साथ एक और लड़के की टेलीफ़ोन पर बात हो रही थी और रात को दोनों ही लड़कों के मोबाइल की लोकेशन भी साथ-साथ थी. ये दूसरा लड़का था पवन.

पवन के घर का खूनी मंजर

अब पुलिस को पवन की तलाश थी. पुलिस ने उसका पता हासिल किया और उसके ठिकाने पर दबिश दी. जहां से पवन ना सिर्फ पकड़ा गया, बल्कि उसके मकान में पुलिस को ऐसी चीज़ें नज़र आई, जिसे देखकर उनके पांव भी ठिठक गए. पवन के कमरे में ख़ून से सनी चादर, कपड़े और दूसरी चीज़ें पड़ी थी. और तो और घर का पूरा का पूरा बेड बॉक्स भी ख़ून से भरा था. साफ था कि नितिन का क़त्ल यहीं हुआ क़ातिलों ने लाश निपटाने से पहले उसे इसी बेड बॉक्स में छुपा रखा था.

हैप्पी और पवन ने किया था नितिन का मर्डर

अब सवाल ये था कि आख़िर हैप्पी और पवन ने नितिन की जान क्यों ली? दोनों की उससे क्या दुश्मनी थी? दोनों ने कत्ल का इतना खतरनाक तरीका क्यों चुना था? आरोपी हैप्पी तो पुलिस की पहुंच से बाहर था. क्योंकि वो वारदात के बाद से ही फरार था. लेकिन कत्ल की साज़िश को लेकर पवन ने जो कहानी पुलिस को सुनाई, वो बेहद चौंकानेवाली थी.

पुरानी दुश्मनी में किया था कत्ल

आरोपी पवन ने पुलिस को बताया कि नितिन ने उन दोनों के साथ कुछ ऐसा किया था कि वे दोनों उससे दुश्मनी मान बैठे थे. इस बात को दो साल बीत चुके थे. क्योंकि 15 अगस्त 2015 से ही हैप्पी और पवन के सीने में बदले की आग सुलग रही थी. असल में उस दिन यमुना में नहाते समय दो लड़के पानी में डूब गए थे और उनकी मौत हो गई थी. इत्तेफाक से नितिन भी उनके साथ वहां नहाने गया था.

यमुना में डूबकर मरने वाले वो दोनों लड़के हैप्पी और पवन के भाई थे. और वो दोनों इस हादसे के लिए नितिन को जिम्मेदार मानते थे. इसी के चलते ही उन दोनों ने मिलकर नितिन को मौत के घाट उतार दिया था और उसकी लाश को 6 टुकड़ों में बांटकर रिंग रोड़ पर फेंक दिया था. इस वारदात के खुलासे ने पुलिस को ज़रूर राहत दी थी, लेकिन पूरे इलाके में इस वारदात की वजह से लोग खौफजदा हो गए थे.

साभार परवेज सागर आज तक

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