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Delhi Breaking News: एनसीआर में लगी ये बड़ी पाबंदी हटी, वाहन चालकों में खुशी की लहर

Shiv Kumar Mishra
7 Nov 2022 5:02 AM GMT
Delhi Breaking News:  एनसीआर में लगी ये बड़ी पाबंदी हटी, वाहन चालकों में खुशी की लहर
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हवाओं में सुधार होते ही केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता एजेंसी सीएक्यूएम ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण वापस लेने की घोषणा कर दी। इससे दिल्ली-एनसीआर में गैर बीएस-6 हल्के वाहनों व ट्रकों को प्रवेश की अनुमति मिल जाएगी।

Delhi Breaking News: मौसमी परिस्थितियों के अनुकूल होने की वजह से दिल्ली-एनसीआर की हवाओं में लगातार दूसरे दिन सुधार हुआ। सुधार होते ही केंद्र सरकार की वायु गुणवत्ता एजेंसी सीएक्यूएम ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) का चौथा चरण वापस लेने की घोषणा कर दी। इससे दिल्ली-एनसीआर में गैर बीएस-6 हल्के वाहनों व ट्रकों को प्रवेश की अनुमति मिल जाएगी। जरूरी निर्माण कार्य भी कराए जा सकेंगे। हालांकि, स्थिति में सुधार के बावजूद दिल्ली 339 औसत एक्यूआई के साथ देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। एनसीआर के नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम की हवा भी बेहद खराब बनी हुई है।

सबसे प्रदूषित शहर हरियाणा का धारूहेड़ा रहा, जहां एक्यूआई 345 दर्ज किया गया। गाजियाबाद व ग्रेटर नोएडा की हवा बहुत खराब से खराब की श्रेणी में पहुंच गई। वायु मानक एजेंसियों का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिन दिल्ली-एनसीआर की हवा बेहद खराब श्रेणी में रह सकती है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, रविवार को हवाओं की दिशा बदलने और दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगी पाबंदियों की वजह से स्थानीय प्रदूषण कम रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि पाबंदियां लंबे समय तक लागू रहने से एनसीआर के शहरों की हवा बद से बदतर होने से बच पाएगी।

विशेषज्ञों ने फैसले को जल्दबाजी भरा बताया

पर्यावरणविद विमलेंदु झा ने कहा कि सीएक्यूएम का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है, जो सिर्फ दो दिन से दिख रहा है। सरकार को पहले स्थिति का विश्लेषण करना चाहिए था। पर्यावरणविद ज्योति पांडे ने कहा कि सरकार प्रदूषण के स्रोत पर नियंत्रण के बदले आग बुझाने जैसे उपाय कर रही है।

दिल्ली में स्कूल खोलने पर आज होगा फैसला

ग्रैप के चौथे दौर के प्रतिबंध हटाए जाने के बाद दिल्ली में प्राइमरी स्कूलों को खोलने और दफ्तरों में फिर से 100 फीसदी उपस्थिति लागू करने के बारे में सरकार सोमवार को फैसला ले सकती है। सूत्रों ने बताया कि इस बारे में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में शीर्ष अधिकारियों की बैठक में फैसला होगा।

अगले तीन दिनों तक कम रहेगी हवा की रफ्तार

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान(आईआईटीएम) के मुताबिक, रविवार को हवा की रफ्तार चार से आठ किलोमीटर प्रतिघंटा तक रही। वहीं, मिक्सिंग हाइट 1200 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स सात हजार वर्ग मीटर प्रति सेकेंड तक दर्ज किया गया। आईआईटीएम का पूर्वानुमान है कि अगले तीन दिनों तक हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में ही बनी रहेगी। विभाग के मुताबिक, अगले 24 घंटे में हवा की दिशा दक्षिण-पूर्वी और रफ्तार चार से आठ किलोमीटर प्रतिघंटा तक दर्ज किए जाने का पूर्वानुमान है। वहीं, मिक्सिंग हाइट बढ़कर 1300 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स घटकर 1300 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड तक रह सकता है। इसके अगले दिन हवा की दिशा पूर्वी और रफ्तार चार किलोमीटर प्रतिघंटा तक रह सकती है। वहीं, मिक्सिंग हाइट का स्तर 2800 मीटर व वेंटिलेशन इंडेक्स 7700 वर्ग मीटर प्रति सेकेंड तक दर्ज किए जाने का पूर्वानुमान है।

पंजाब में जली सबसे अधिक पराली

उत्तर-पश्चिम भारत में पराली जलने की घटनाएं रिकॉर्ड की जा रही हैैं। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, बीते 24 घंटे में पंजाब में सबसे अधिक 599 जगहों पर पराली जलाई गई हैं। हरियाणा में 46, उत्तर प्रदेश में 46, उत्तर प्रदेश में 28, मध्यप्रदेश में 392 और राजस्थान में 27 जगहों पर पराली जलाई गई हैं। अच्छी बात यह है कि दिल्ली में लगातार दूसरे दिन पराली जलाने का मामले शून्य रहे हैं।

दस दिन बाद रेड जोन से बाहर आया ग्रेनो

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के वायु प्रदूषण में रविवार को भी हवा के कारण सुधार हुआ। ग्रेटर नोएडा का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रेड जोन से निकलकर ऑरेंज जोन में 299 पर पहुंच गया। सोमवार को दो अंक बढ़ने के साथ ही एक्यूआई वापस रेड जोन में पहुंच सकता है। हालांकि, एक्यूआई में सुधार के बाद भी नोएडा देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया।

सर्दी शुरू होने के साथ ही एनसीआर की हवा जहरीली होने शुरू हो जाती है। दिवाली के बाद से नोएडा और ग्रेटर नोएडा का वायु प्रदूषण भी गंभीर श्रेणी में चल रहा है। 26 अक्तूबर को ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई ऑरेंज जोन में 243 रहा था। इसके बाद से एक्यूआई रेड जोन में बना हुआ है। दो बार डार्क रेड जोन में भी पहुंच गया था। दस दिन बाद ग्रेनो का एक्यूआई रेड जोन से बाहर ऑरेंज जोन में आया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अफसरों का कहना है कि अगर हवा चलती रही तो प्रदूषण में सुधार होगा।

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