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दिल्ली में सब्जी बेचने के लिए लेना जरूरी होगा लाइसेंस, लाइसेंस के रजिस्ट्रशन से होंगे ये फायदे

Shiv Kumar Mishra
2 Aug 2022 4:42 AM GMT
दिल्ली में सब्जी बेचने के लिए लेना जरूरी होगा लाइसेंस, लाइसेंस के रजिस्ट्रशन से होंगे ये फायदे
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बता दें कि राजधानी में साल 2021-2022 के बीच करीब 12,951 विक्रेताओं ने ये लाइसेंस लिया है. इसके साथ ही 29, 372 लोगों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. हालांकि इनसी संख्या इससे कई गुना ज्यादा है

दिल्ली मे सब्जी का काम करने वाले जिन सब्जी विक्रेताओं का कारोबार साल में 12 लाख से कम होता है उन्हें या तो रजिस्ट्रेशन कराना होता है या फिर लाइसेंस लेना होता है. अगर आप भी लाइसेंस लेना चाहते हैं तो नीचे सभी जानकारी दी गई है.

देश के हर हिस्से में सब्जी विक्रेता के पास रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस होना जरूरी होता है. लेकिन राजधानी दिल्ली (Delhi) में कई ऐसे विक्रेता है। जिन्होंने ना तो रजिस्ट्रेशन करवाया और ना ही लाइसेंस लिया. इन्हीं पर कार्रवाई करने के लिए अब फूड एंड सेफ्टी विभाग (Food and Safety Department) ने दिल्ली की मंडियों में ड्राईव शुरू कर दी है.


जिसमें वो कैंप लगाकर सब्जी विक्रेताओं को लाइसेंस दे रहे हैं. दरअसल फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने फूड एंड सेफ्टी विभाग के साथ एक एमओयू साइन किया है. जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा सब्जी बेचने वालों लोगों को लाइसेंस दिया जाएगा या उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.

क्या है इसके नियम ? फूड एंड सेफ्टी विभाग के अनुसार जिस सब्जी विक्रेता का कारोबार साल में 12 लाख से कम होता है उन्हें या तो रजिस्ट्रेशन या फिर लाइसेंस लेना होता है. ये लाइसेंस पांच साल के लिए होता है. जिसकी फीस सिर्फ सौ रुपए ही होती है. इसके लिए विक्रता को फॉर्म के साथ आधार कार्ड की कॉपी और एक फोटो जमा करवानी होती है.


बता दें कि राजधानी में साल 2021-2022 के बीच करीब 12,951 विक्रेताओं ने ये लाइसेंस लिया है. इसके साथ ही 29, 372 लोगों ने इसके लिए रजिस्ट्रेशन करवाया है. हालांकि इनसी संख्या इससे कई गुना ज्यादा है

रजिस्ट्रेशन के लाभ क्या है ?

इसमें सब्जी विक्रेताओं को सब्जी बेचने से जुड़ी हर जानकारी दी जाती है. वहीं जब सैंपल लिया जाता है तो रजिस्ट्रेशन होने पर 25 हजार रुपए का जुर्माना नहीं देना पड़ता. इसके अलावा विभाग के पास एक डेटा बैंक रहता है, जिससे किसी तरह की सरकारी प्लानिंग में मदद मिलती है. वहीं अगर किसी विक्रेता के खिलाफ लगातार शिकायत आती हैं. तो विभाग उसपर कार्रवाई करता है.

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