कभी थे बाल मजदूर, अब बने भारत की आवाज
आज इन बच्चों में से कोई वकील है, कोई एमबीए कर रहा है तो कोई पुलिस में भर्ती होने के लिए प्रयासरत है।
आज इन बच्चों में से कोई वकील है, कोई एमबीए कर रहा है तो कोई पुलिस में भर्ती होने के लिए प्रयासरत है।
ये पांचो बच्चे कभी पूर्व बाल मजदूर रहे हैं और इनका बचपन कष्ट और यातना में गुजरा है
नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित श्री कैलाश सत्यार्थी द्वारा संस्थापित संगठन 'लॉरियेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन' द्वारा आयोजित...
· ट्रैफिकिंग विरोधी विश्व दिवस के अवसर पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेंस फाउंडेशन और बचपन बचाओ आंदोलन ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग के उन्मूलन पर एक...
यह स्पष्ट है कि डेयरी मालिक अक्सर युवक जसवीर को पीटता था क्योंकि चोट के निशान उसकी यातना की गवाही देते थे।
पंकज चौधरी नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित विश्व प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता श्री कैलाश सत्यार्थी चार दशकों से बाल मजदूरी और ट्रैफिकिंग (दुर्व्...
सुरजीत को डायना अवार्ड मिलने पर केएससीएफ की कार्यकारी निदेशक (बीएमजी, प्रोग्राम) मलाथी नागासायी ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, 'मुझे गर्व है कि...
बच्चों के मुद्दे पर करेगें दुनियाभर के स्वास्थ्य मंत्रियों को संबोधित