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सुनों..    सुनों ना...    रख लो    अपने पास    वो चांद,    चांदनी...

सुनों.. सुनों ना... रख लो अपने पास वो चांद, चांदनी...

रख लो वो सारे अरमां और वो सारे ख़्वाब भी..

28 Jun 2021 10:10 AM GMT
जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ। 

जी हाँ हुजूर, मैं गीत बेचता हूँ। 

पंडित भवानी प्रसाद मिश्र नई कविता के सशक्त प्रयोगशील कवि रहे हैं। इनकी रचनाओं में ताजगी भरी अंदाज है...

27 Jun 2021 6:06 AM GMT