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यूपी में फिर गरमाई सियासत, राजभर के बयान पर सपा महासचिव का पलटवार

SP General Secretary retaliated on Rajbhar statement
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राजभर के बयान पर रामगोपाल का पलटवार।

ओम प्रकाश राजभर अपने एक बयान को लेकर विवादों में आ गए हैं। उन्होंने अहीर जाति को लेकर विवादित बयान दिया है। पढ़िए पूरी खबर..

UP Politics: यूपी की राजनीति में बयानों का दौर फिर से शुरू हो गया है। सपा का साथ छोड़कर भाजपा के साथ जाने वाले सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं। इस बार फिर से उन्होंने यादव जाति को लेकर विवादित बयान दे दिया है। जिसे लेकर वो विवादों में आ गए हैं। ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि अहीर बुद्धि बारह बजे खुलती है, जिसे लेकर अब समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने पलटवार किया है। सपा के महासिचव ने बिना नाम लिए ही उन्हें दिमाग से ढीला इंसान बता दिया।

राजभर का विवादित बयान हो रहा वायरल

ओमप्रकाश राजभर का अहीरों को लेकर बयान सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसके बाद इसे लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। वहीं लोग उनके इस बयान की आलोचना भी कर रहे हैं। इस बारे में सपा नेता रामगोपाल यादव से सवाल पूछा गया तो उन्होंने ओम प्रकाश राजभर के ही दिमाग को ढीला बता दिया। सपा महासिचव ने इशारों ही इशारों में कहा कि उनको अब क्या कहें, जिनका ये (दिमाग) ही ढीला हो।

बयान पर राजभर की सफाई

इस मामले पर विवाद बढ़ते देख ओम प्रकाश राजभर ने भी अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा ये हम नहीं कह रहे हैं। मैंने तो पूर्वांचल के लोगों की बात बताई है। राजभर ने कहा कि पूर्वांचल में जब कोई बात होती है तो हमारे बुजुर्ग लोग कहते हैं कि यादव की बुद्धि बारह बजे खुलती है। ये हमारे पूर्वांचल की भाषा है। कोई बात आई तो हमने इस बात को कहा।

बेटे ने भी किया पिता का बचाव

इस विवाद में ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर की भी एंट्री हो गई। पिता के बयान का बचाव करते हुए अरुण राजभर ने ट्वीट करते हुए कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.ओम प्रकाश राजभर जी ने कहा आम लोग कहते है कि अहीरों की बुद्धि 12 बजे खुलती है। बल्कि यह कथन श्री ओम प्रकाश राजभर जी का नहीं है इस बयान को तोड़कर पेश किया जा रहा है जो गलत है। ओम प्रकाश राजभर जी ने कहा जब सपा की सरकार थी तो पिछड़ो के नाम पर सिर्फ़ एक जाति का विकास होता था बाक़ी राजभर, चौहान, पाल, प्रजापति, बारी, बंजारा, अर्कवंशी, गोंड, लोहार आदि अतिपिछड़ी जातियों का हक़ लूटा जाता था।

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उद् भव त्रिपाठी

उद् भव त्रिपाठी

इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज से स्नातक पूर्ण किया हूं। पढ़ाई के दौरान ही दैनिक जागरण प्रयागराज में बतौर रिपोर्टर दो माह के कार्य का अनुभव भी प्राप्त है। स्नातक पूर्ण होने के पश्चात् ही कैंपस प्लेसमेंट के द्वारा haribhoomi.com में एक्सप्लेनर राइटर के रूप में चार महीने का अनुभव प्राप्त है। वर्तमान में Special Coverage News में न्यूज राइटर के रूप में कार्यरत हूं। अध्ययन के साथ साथ ही कंटेंट राइटिंग और लप्रेक लिखने में विशेष रुचि है।

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