CM नीतीश की सख्त चेतावनी, 'शराब के धंधेबाज सुधर जाएं अन्यथा कड़ी कार्रवाई'

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ बिहार की बात नहीं बल्कि पूरे देश की बात है।

Update: 2021-11-01 17:31 GMT

पटना : जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। पेट्रोल-डीजल की कीमतों में हो रही वृद्धि को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ बिहार की बात नहीं बल्कि पूरे देश की बात है। पेट्रोल-डीजल की कीमतें पूरे देश में कभी स्थिर रहती है तो कभी बढ़ती है। इसको लेकर खबरें आती रहती है। यह बिहार का मामला नहीं है। देश के अलग-अलग राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें अलग-अलग होती है। ऐसा पहले से ही होता चला आ रहा है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में पत्रकारों ने भी काफी रुचि दिखाई है। इसके लिए सभी पत्रकारों को बधाई देता हूं। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में प्रतिदिन शिकायत करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में आने वाले सभी लोगों की बातों को ध्यान से सुनकर उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाता है। हमलोगों का शुरु से प्रयास रहा है कि लोगों की समस्याओं का समाधान हो इसको लेकर लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून बनाया गया। इसके माध्यम से भी लोगों की समस्याओं का समाधान कराया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस कार्यकाल की शुरुआत में ही हमने तय किया था कि एक बार फिर से जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम शुरु करेंगे। पिछले 5 महीने से यह कार्यक्रम जारी है।

कोरोना के कारण अभी संख्या को सीमित किया गया है। कोरोना का दौर खत्म होने के बाद जो भी इच्छुक होंगे वे जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे। कोरोना के केस अभी काफी कम हो गये हैं लेकिन अभी भी हम सबको अलर्ट रहना है। पर्व के दौरान बाहर से लोग अपने राज्य बिहार आते हैं। इसको लेकर हमलोग ज्यादा से ज्यादा कोरोना की जांच करवा रहे हैं। बाहर से आने वाले लोगों की कोरोना जांच के साथ ही अगर उनका टीकाकरण अभी तक नहीं हुआ है तो उनका टीकाकरण भी करवायेंगे। इसके लिए प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को प्रेरित किया जा रहा है। अभी जितने कोरोना के केस सामने आ रहे हैं उसमें से अधिकांश बाहर से आने वाले लोगों में ही सामने आ रहा है।

कोरोना को लेकर हमलोग शुरु से ही सतर्क हैं। अभी बिहार में प्रतिदिन 2 लाख से ज्यादा कोरोना की जांच की जा रही है। मेगा वैक्सीनेशन अभियान चलाकर टीकाकरण भी काफी तादाद में किया जा रहा है। 7 नवंबर के मेगा अभियान में भी बड़ी संख्या में टीकाकरण किया जायेगा। हमे उम्मीद है कि कुछ दिनों के बाद हमलोगों को कोरोना से मुक्ति मिल जायेगी लेकिन कोरोना को लेकर अभी हमलोगों को सतर्क और सचेत रहने की जरुरत है। छठ पर्व को लेकर बाहर से बिहार आना लोगों का शुरु हो चुका है। हमलोगों की कोशिश है कि बाहर से आने वाले सभी लोगों की कोरोना जांच हो जाये ताकि संक्रमण फैले नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी के किनारे पटना के छठ घाटों का हमने जायजा लिया है और इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिया है। एक बार फिर से हम छठ घाटों का निरीक्षण करेंगे।

उपचुनाव को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता मालिक है, फैसला करने का अधिकार उसी को है। जिसको जो बोलना है वो बोलते रहें। हमें इस संबंध में कुछ नहीं कहना है। हमलोगों पर अनाप-शनाप बोलने से विपक्षी नेताओं को पब्लिसिटी मिलती है तो वे लोग बोलते रहें। अब तो चुनाव हो चुका है। कल उपचुनाव का रिजल्ट सामने आ जायेगा। चुनाव कराना चुनाव आयोग का काम है। इसमें हमलोगों का कोई हस्तक्षेप नहीं है। चुनाव को लेकर जिसको भी कोई शिकायत रहती है तो वे लोग अपनी शिकायत चुनाव आयोग से करते हैं। इसको लेकर कोई क्या बोलता है उस पर हम ध्यान नहीं देते हैं।

मनरेगा के फंड के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार को किस राज्य को कितना फंड देना है यह पहले से तय रहता है। उसी हिसाब से सभी राज्यों को मनरेगा के अंतर्गत फंड मिलता है। अगर फंड की कमी होती है तो उसकी मांग केंद्र सरकार से की जाती है। इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बातचीत चलती रहती है। मनरेगा के अंतर्गत काफी काम कराया जाता है। इसको लेकर पहले से तय तौर तरीके के अनुसार ही काम कराया जाता है। हम इसकी समीक्षा करेंगे।

सूबे में बाढ़ एवं वर्षापात पर मुख्यमंत्री ने कहा हमलोगों ने बाढ़ से प्रभावित लोगों के बीच जाकर एक-एक चीज को देखा है। बाढ़ एवं वर्षापात से प्रभावित लोगों की हमलोग मदद कर रहे हैं। मनरेगा के माध्यम से लोगों को रोजगार मिले इसके लिये भी काम किया जा रहा है। हमलोग इसके बारे में देखते भी हैं कि कहां कितना काम हुआ। हम अधिकारियों से कहेंगे कि जो वस्तु स्थिति है उससे आपको अवगत करा दें।

बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब पीने से हो रही मौत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2015 में महिलाओं की मांग पर हमने 2016 में शराबबंदी लागू की। इसको लेकर हमलोगों ने वचन दिया, विधानसभा और विधान परिषद में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित हुआ। सबने शराब नहीं पीने का संकल्प लिया। जितने हमारे सरकारी अधिकारी हैं, कर्मचारी हैं सभी लोगों ने इसका संकल्प लिया, इसके लिये निरंतर कैंपेन चलता रहता है। जो गड़बड़ करते हैं वे पकड़ाते भी हैं। पुलिस प्रशासन का जो काम है वो हर तरह से अपना काम करते रहते हैं। बार बार हमलोग कहते रहते हैं कि जब तुम गड़बड़ चीज पीयोगे तो इस तरह की घटनायें होंगी। उन्होंने कहा कि जो गड़बड़ी करने वाले लोग हैं उन पर कार्रवाई हो रही है और उनकी गिरफ्तारी भी हो ही रही है। हमारी पुलिस और प्रशासन के लोग कार्रवाई करते ही रहते हैं। शराब पीने से देश दुनिया में कितनी लोगों की मौत होती है इसकी रिपोर्ट आ गई है। इसके बावजूद लोग पीयेंगे तो गड़बड़ होगा ही। अगर शराब के नाम पर कोई गड़बड़ चीज पिला देगा तो पीने वाले की मौत हो सकती है। इसको लेकर हमलोग लोगों को सचेत करते रहे हैं, इस पर सोचना चाहिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकतर लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं, चंद लोग ही इसके खिलाफ हैं। जो कुछ लोग इधर-उधर का गड़बड़ धंधा करते हैं या कुछ पीना चाहते हैं, इस तरह के चंद लोग ही इसके खिलाफ हैं। उनलोगों से भी हम अपील करेंगे कि ऐसा मत करिये, शराबबंदी सबके हित में है। उन्होंने कहा कि एक-एक चीज पर एक्शन होता है। जो गड़बड़ करता है उस पर भी कार्रवाई होती है। जब कोई घटना होती है तो हमलोग कहते हैं कि और ज्यादा प्रचारित करिये, लोगों को पता चले कि शराब पीने से क्या मिलेगा। कोई गंदा चीज पिला देगा और उससे आपकी मौत हो जायेगी इसलिये सचेत रहिये, सतर्क रहिये। इधर हमलोगों का ध्यान कोविड-19 पर केंद्रित है। हमने विभाग को कह भी दिया है कि आपलोग पूरे तौर पर देखते रहिये। हम इसकी पुनः समीक्षा करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बातचीत से जानकारी मिलती है। एक-एक दिन की रिपोर्ट लेना, हर चीज को देखना, ये सब हम करते रहते हैं। प्रशासन के लोग बहुत अच्छे ढंग से काम कर रहे हैं, लोगों को पकड़ रहे हैं लेकिन ये दावा करना कि सब कुछ ठीक ही हो जायेगा ऐसा संभव नहीं है। कुछ तो गड़बड़ होगा ही। सिर्फ पकड़ाते ही नहीं हैं, नौकरी से भी जाते हैं और जेल भी चले जाते हैं, सजा भी होती है। ये सब आरोप लगाने वाले पता नहीं कौन हैं। ये सोचना चाहिये कि चंद लोग गड़बड़ी करेंग ही, ये तय है। ये आज नई बात नहीं है। इतिहास देख लीजिये। हर समय हर आदमी तो सही नहीं हो जायेगा, कुछ तो गड़बड़ होगा ही। एक बात हम पुनः कहेंगे कि ज्यादातर लोग इसके पक्ष में हैं। गरीब गुरबा तबके में जो दारू पीने में खर्च कर रहा था, उनके परिवार में इसके चलते पहले झंझट होता था, महिलायें कितने दुख में थीं। जब ये बंद हुआ है तो सब लोग अपने परिवार का ध्यान रख रहे हैं। हम सभी लोगों से यही आग्रह करेंगे कि सतर्क रहिये, शराब गंदी चीज है, इसका सेवन मत करिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर और महात्मा गांधी की इच्छा के अनुरुप हमने बिहार में शराबबंदी लागू की है। शराबबंदी लागू करने के कारण कुछ लोग हमारे खिलाफ हो गये हैं। कुछ लोग इसको लेकर अनाप-शनाप बोलते रहते हैं, इसकी चिंता हम नहीं करते हैं। शराबबंदी लोगों के हित में है।

उत्तर प्रदेष के पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेष यादव द्वारा मोहम्मद अली जिन्ना की तुलना महात्मा गॉधी एवं सरदार वल्लभभाई पटेल से किये जाने से संबंधित प्रष्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई में बहुत सारे लोगों ने अपनी भूमिका निभाई थी। बापू को देश का बंटवारा पसंद नहीं था लेकिन परिस्थिति ऐसी आई की देश का दो हिस्सों में बंटवारा हुआ और जो दूसरा हिस्सा हमलोगों से अलग हुआ, वह भी बाद में दो टुकड़ों में बंट गया। यहां पर जिन्ना की भूमिका की चर्चा करने की कोई आवश्यकता नहीं है। देश का विभाजन होना कोई अच्छी बात नहीं थी। अपना देश एक रहता तो और आगे बढ़ता। सभी लोग अगर बापू की बात को मान लेते तो देश का बंटावार नहीं होता और देश आगे बढ़ता।

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