30 साल तक पहाड़ खोदकर बनाई नहर, आनंद महिंद्रा ने किया ट्रैक्टर देने का ऐलान

70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुईयां मांझी ने अपनी मेहनत से सैकड़ों लोगों की मुश्किलें दूर कर दीं.

Update: 2020-09-19 15:11 GMT

बिहार में एक शख्स ऐसा भी है जिसने 30 साल लगाकर नहर खोद डाली. 70 साल के बुजुर्ग लौंगी भुईयां मांझी ने अपनी मेहनत से सैकड़ों लोगों की मुश्किलें दूर कर दीं. उन्होंने पहाड़ काट कर पांच किलोमीटर लंबी नहर बना डाली. पहाड़ और बारिश का पानी नहर से होते हुए खेतों में जा रहा है. जिससे तीन गांव के लोगों को फायदा हो रहा है. अब लौंगी भुईयां की मदद के लिए कई लोग सामने आए हैं. इन्हीं में से एक बिजनेसमैन आनंद महिंद्रा हैं जिन्होंने लौंगी मांझी को ट्रैक्टर देने का ऐलान किया है.

दरअसल, गया जिले के रहने वाले लौंगी की कहानी चर्चा में है. उन्होंने 30 सालों तक कड़ी मेहनत कर पहाड़ से गिरने वाले बारिश के पानी को इकट्ठा कर गांव तक लाने की ठान ली और वो रोज घर से जंगल में पहुंच कर नहर बनाने लगे. कोठिलवा गांव निवासी लौंगी अपने बेटे, बहू और पत्नी के साथ रहते हैं. लौंगी ने बताया कि पहले परिवार के लोगों ने उन्हें खूब मना किया. लेकिन उन्होंने किसी नहीं मानी और नहर खोदने में जुट गए.

उन्होंनें कुदाल और दूसरे घरेलू औजार के जरिए खुदाई शुरू कर दी. 30 साल की मेहनत के बाद वे करीब 3 किलोमीटर लंबी नहर बनाने में सफल रहे. हाल ही में यूजर रोहिन कुमार ने ट्विटर पर लिखा कि लौंगी मांझी ने अपनी जिंदगी के 30 साल लगा कर नहर खोद दी. उन्हें अभी भी कुछ नहीं चाहिए, सिवा एक ट्रैक्टर के. उन्होंने मुझसे कहा है कि अगर उन्हें एक ट्रैक्टर मिल जाए तो उनको बड़ी मदद हो जाएगी.




इस ट्वीट पर आनंद महिंद्रा ने रिप्लाई करते हुए लिखा कि उनको ट्रैक्टर देना मेरा सौभाग्य होगा. मैंने पहले भी ट्वीट किया था कि मुझे लगता है कि उनकी नहर ताजमहल या पिरामिडों के समान प्रभावशाली है. उनको ट्रैक्टर गिफ्ट करना हमारे लिए सम्मान की बात होगी.

लौंगी के गांव वालों का कहना है कि जब से होश संभाला है तब से लौंगी को घर में कम, जंगल में ज्यादा देखा. लौंगी मांझी ने हाल ही में कहा था कि कि अगर सरकार कुछ मदद कर दे हमें खेती के ट्रैक्टर जैसी सुविधा मिल जाए और हम बंजर पड़ी जमीन को खेती के लिए उपजाऊ बना सकते हैं, जिससे लोगों को काफी सहायता मिलेगी.

फिलहाल लौंगी के काम से हर कोई प्रभावित है. आज उनका नाम देश के कोने-कोने में लिया जा रहा है. हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा है. जिन्होंने 30 साल में नहर का निर्माण कर डाला और हजारों लोगों की मुश्किलों को हल कर दिया.

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