उपेंद्र कुशवाहा के बयान पर एनडीए किया पलटवार, फरियाना है फरिया लें

हम लोगों ने भी चूडियां नहीं पहनी हैं। खून बहाने की बात करते हैं। हम लोगों के शरीर में भी खून ही है। फरियाना है फरिया लें।”

Update: 2019-05-22 08:16 GMT

पटना | लोकसभा चुनाव परिणाम आने पहले हि नेताओं का बड़ बोलेपन ब्यान और चढकर बोलने पर राजनीतिक सियासत गरमाने लगी है। वही पिछले दिनों बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के 'खून की नदियां बहा देने वाले' बयान दिये थे। जिसको लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने आलोचना की है। कुशवाहा ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा चुनाव रिजल्ट (नतीजे) लूट करने की कोशिश करने के रवैये से सड़कों पर खून बहेगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने उनके इस बयान की आलोचना करते हुए इसे महागठबंधन की खीज बताया है।

उपेंद्र कुशवाहा ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "पहले मतदान केंद्र लूटा जाता था। अब भाजपा एग्जिट पोल के परिणाम को शस्त्र बनाकर रिजल्ट लूटना चाहती है। ईवीएम को इधर-उधर किए जाने की बातें सामने आई हैं।" उन्होंने कहा कि रिजल्ट लूट की कोई कोशिश हुई तो वे हथियार भी उठाने से परहेज नहीं करेंगे। जनता का आक्रोश संभल नहीं पाएगा। उन्होंने कहा, "वोट की रक्षा के लिए हथियार भी उठाना हो तो उठाइए। आज जो रिजल्ट लूट की कोशिश हो रही है, इसको रोकने के लिए हथियार भी उठाना हो तो उठाना चाहिए।"कुशवाहा ने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे सडकों पर खून की नदियां बहेंगी।

उपेंद्र कुशवाहा के इस बयान के बाद बिहार की राजनीतिक में माने भूचाल आ गया हो। जिसको लेकर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने आज यानि बुधवार को कुशवाहा को उन्हीं की भाषा में जवाब दिया और कहा, "हम लोगों ने भी चूडियां नहीं पहनी हैं। खून बहाने की बात करते हैं। हम लोगों के शरीर में भी खून ही है। फरियाना है फरिया लें।"

भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद ने कुशवाहा की टिप्पणी पर कड़ा प्रतिक्रिया देते हुए इसे अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों को लोकतंत्र में सही नहीं कहा जा सकता।लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी के नेता राम विलास पसवान के पुत्र चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन चैनलों के द्वारा दिखाये जा रहे एग्जिट पोल के बाद हताशा, निराशा, मायूसी में है। जिसका यही कारण है कि ऐसे बयान दिए जा रहे हैं। चिराग पासवान ने कहा कि "ऐसे बयानों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। ऐसे बयान कहीं से सही नहीं हैं।" 

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