जेपी, लोहिया के विचारों को स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम से हटाने का मामला गरमाया, शिक्षामंत्री विजय चौधरी ने दी सफाई

Update: 2021-09-02 13:03 GMT

पटना। बिहार के सारण स्थित जयप्रकाश नारायण विश्वविद्यालय में जेपी और राममनोहर लोहिया के विचारों को ही स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम से हटाने का मामला गरमाने के बाद गुरुवार को शिक्षामंत्री विजय चौधरी सामने आए और सरकार का रुख साफ किया। शिक्षामंत्री ने कहा कि जयप्रकाश और लोहिया के विचारों की पढ़ाई जारी रहेगी।

बिहार से जुड़े महान विभूतियों को पाठ्यक्रम से बाहर करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती है जिस पाठ्यक्रम से महान हस्तियों को बाहर किया गया है, उसे फिर से जारी रखा जाएगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार दूसरे विश्वविद्यालयों में भी ऐसे मामलों की जानकारी लेगी।

विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि सीबीसीएस लागू होने से बदलाव की बात कही जा रही है। कुलाधिपति के आफिस ने सभी कुलपतियों को इसे भेज दिया था। कहा कि विश्वविद्यालय के स्तर पर भी इन चीजों को देखा जाना चाहिए था, उसके बाद लागू करने की बात होनी चाहिए थी।

शिक्षामंत्री ने कहा कि हम लोगों के समझ में यह बात भी नहीं आ रही कि सीबीसीएस का पाठ्यक्रम में इस तरह के परिवर्तन से क्या लगाव है। कुछ लोगों के राजनीतिक विचार को पाठ्यक्रम से अलग क्यों किया गया, यह समझ से परे है। कहा कि छपरा के कुलपति ने भी अपनी तरफ से कोई आदेश दिया हो ऐसी बात नहीं है। यह जिस रूप में हुआ है, हम लोग इसे उचित नहीं मानते हैं। सरकार के दृष्टिकोण से भी यह बिल्कुल अनुचित और अनियमित है। अभी तक जो परंपरा और नियम रहे हैं, उसके अनुसार भी ठीक नहीं है। नई शिक्षा नीति को लेकर भी यह गलत है।


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