23 लाख की सैलरी लौटाने वाले प्रोफेसर ने अब लिया यू- टर्न, खाते में 1 हजार भी नहीं? सामने आया माफीनामा

मुजफ्फरपुर में स्टूडेंट्स नहीं आने और क्लास नहीं ले पाने का हवाला देकर अपनी सैलरी के 23 लाख लौटाने के मामले में बड़ा ट्विस्ट आया है।

Update: 2022-07-08 13:07 GMT

मुजफ्फरपुर में स्टूडेंट्स नहीं आने और क्लास नहीं ले पाने का हवाला देकर अपनी सैलरी के 23 लाख लौटाने के मामले में बड़ा ट्विस्ट आया है। प्रोफेसर ललन कुमार ने मामले में यू टर्न लेते हुए नीतीश्वर कॉलेज मैनेजमेंट से माफी मांगी है। अपने लिखित माफ़ीनामा में उन्होंने कहा है कि उन्होंने भावना में बहकर अपनी सैलरी लौटाने की बात लिख दी थी।

दरअसल, 3 साल में वे 6 बार अपने ट्रांसफर करने की बात लिखी थी, लेकिन इस पर कोई ऐक्शन नहीं लिया गया। प्रबंधन के रवैये से वे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाए और अपनी समूची सैलरी लौटाने की बात लिख दी।

उन्होंने कहा कि लेटर लिखने के बाद वे अपने सीनियर और सहयोगियों से इस मुद्दे पर चर्चा की तब उन्हें समझ में आया कि ऐसा नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अब आगे कभी भी भावावेश में वे ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जो यूनिवर्सिटी और कॉलेज के आचरण के अनुरूप नहीं हो। बता दें कि डॉ. ललन कुमार ने 2 दिन पहले क्लास नहीं मिलने की बात कहकर अपने 3 साल का वेतन, 23 लाख रुपए का चेक कॉलेज प्रबंधन को लौटा दिया था।


प्रो. आरके ठाकुर ने दैनिक भास्कर को बताया कि उनके पत्र मिलने के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कॉलेज के प्राचार्य को तलब कर पूरे मामले की पड़ताल की। जिसमें प्रो. ललन कुमार के आरोप झूठे निकले। उन्होंने बताया कि डॉ. ललन ने पूरे लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लास लिया है, जिसमें बच्चे शामिल हुए हैं। इसके अलावा ऑफलाइन भी उन्होंने क्लास ली है।

BRABU के नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने 2 दिन पहले क्लास नहीं मिलने पर अपनी पूरी सैलरी यूनिवर्सिटी को लौटा दी थी। ये विश्वविद्यालय को 3 साल से पत्र लिखकर अपनी नियुक्ति किसी ऐसे कॉलेज में करने की मांग कर रहे थे, जहां बच्चे पढ़ने आते हों। डॉ. ललन कुमार ने अपनी तीन साल की पूरी सैलरी 23 लाख 82 हजार 228 रुपए यूनिवर्सिटी को लौटा दी थी। साथ ही इस्तीफे की भी पेशकश की थी। 

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