अरविंद केजरीवाल के न्योते के बावजूद क्यों नहीं शपथ समारोह में शामिल होंगे PM मोदी?

16 फरवरी को सुबह 10 बजे शपथ लेंगे. दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा.

Update: 2020-02-14 12:51 GMT

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने एक बार फिर परचम लहराया है. दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में आम आदमी पार्टी  को 62 सीटें मिली हैं. AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल तीसरी बारदिल्ली के मुख्यमंत्री बनेंगे. अरविंद केजरीवाल 16 फरवरी को सुबह 10 बजे शपथ लेंगे. दिल्ली के रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा. AAP की तरफ से दिल्ली की जनता को समारोह में शामिल होने का न्योता दिया गया है. अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया है. हालांकि पीएम मोदी केजरीवाल के शपथ समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे.

प्रधानमंत्री मोदी का वाराणसी का पूर्व आयोजित दौरा है. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के अनुसार वह 16 तारीख की सुबह 9:30 से 10: 00 के बीच में बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे और सेना के हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन पहुंचेंगे. वहीं, केजरीवाल के शपथ समारोह का समय भी 10 बजे है. ऐसे में पीएम के वहां पहुंचने की उम्मीद ने के बराबर दिख रही है.

प्रधानमंत्री मोदी 16 फरवरी को अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी का एक दिवसीय दौरे के दौरान 30 से अधिक परियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इऩ परियोजनाओं में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में 430 बेड का सुपर स्पेशिएलिटी सरकारी अस्पताल तथा बीएचयू में ही 70 बिस्तर वाला मनोरोग चिकित्सा अस्पताल शामिल है.

उधर, दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा, 'सभी पार्टियों विधायकों और सभी सांसदों को शपथ ग्रहण के लिए न्योता भेजा जाएगा. पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को भी औपचारिक रूप से इसके लिए निमंत्रण भेज दिया है. दिल्ली के लोगों को ही इस शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य रूप से बुलाया जा रहा है. दूसरे राज्यों के नेताओं को इस शपथ ग्रहण समारोह में हम आमंत्रित नहीं कर रहे हैं.'

गोपाल राय से जब पूछा गया कि आप पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नहीं बुला रहे हैं. उद्धव ठाकरे ने आपको अपने शपथ समारोह में बुलाया था, हेमंत सोरेन ने बुलाया था लेकिन आप नहीं बुला रहे हैं, आखिर क्यों? इसके जवाब में उन्होंने कहा, कोई खास कारण नहीं है. पिछली बार भी हमने जब शपथ ली थी तो दिल्ली की जनता के साथ ही ली थी. हम लोगों का मानना है कि दिल्ली के लोगों ने चुनाव लड़ा है और चुनाव जीता है तो उनको ही तवज्जो मिलनी चाहिए.

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गोपाल राय ने मंत्रिमंडल में किसी महिला को नहीं लिए जाने के सवाल पर कहा, 'बात ये थी कि जो काम हमने शुरू किया है, उसको आगे और कैसे तेज किया जाए उसके आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि जो काम की रफ्तार है, जो अनुभव आया है, एक खास परिस्थिति में काम करने का तो काम की रफ्तार को तेज करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. हमारे राष्ट्र निर्माण कैंपेन से 11 लाख से अधिक लोग मिस कॉल करके जुड़ चुके हैं. 16 फरवरी को ही इसको लेकर पूरे देश के पदाधिकारी बैठक कर रहे हैं.'

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बताते चलें कि साल 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल को फोन कर बधाई दी थी. उस साल जब केजरीवाल दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे थे, तो उस वक्त भी केजरीवाल ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उनको शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया था. मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) भी उनके साथ थे. पीएम ने अन्य कार्यक्रमों का हवाला देकर शहर से बाहर होने की वजह से शपथ समारोह में आने में असमर्थता जताई थी. 

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