आज पूरे देश में करवाचौथ का व्रत बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दिन सभी व्रती महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए यह निर्जला व्रत रखती है. इस दिन महिलायें पूरे साजोश्रंगार में रहकर चन्द्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति की दीर्घायु की कामना करती हुई पति के हाथों पानी पीकर अपना व्रत तोडती है. इस व्रत में माँ इंद्राणी की विधिवत पूजा कर उनकी कथा पढ़ी जाती है. पति अपनी पत्नी को उपहार देते है. बाजार में भी इस दिन सबसे बड़ी बिक्री का दिन रहता है.
इस सुअवसर पर देश के जाने माने हिंदी के पुरोधा कवि डॉ कुमार विश्वास ने सभी माता बहनों को इस मौके पर बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि सप्तपदी के संकल्प को साधना में बदलने वाले पवित्र पल, यानि करवा चौथ के त्यौहार की आप सब को अनेक बधाईयाँ.
डॉ कुमार विश्वास ने बोले
"चाँद को इतना तो मालूम है तू प्यासी है,
तू भी अब उस के निकलने का इंतज़ार ना कर,
भूख गर ज़ब्त से बाहर है तो कैसा रोज़ा ?
इन गवाहों की ज़रूरत पे मुझे प्यार ना कर..."
इस ख़ुशी के मौके पर सभी माता बहनों को करवाचौथ की बहुत बहुत बधाई.