नीति आयोग के सदस्य बोले, गंदी फिल्मों को देखने के लिए इंटरनेट की कश्मीर में क्यों इतनी जरूरत?

Update: 2020-01-19 08:08 GMT

दिल्ली:कश्मीर में इंटरनेट पर लगी पाबंदी के लेकर नीति आयोग के सदस्य और पूर्व डीआरडीओ चीफ वीके सारस्वत ने एक विवादस्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर में इंटरनेट में नहीं है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता वैसे भी उस पर गंदी फिल्में ही देखी जाती हैं

. उन्होंने कहा, ''अगर कश्मीर में इंटरनेट न हो तो क्या फर्क पड़ता है? आप इंटरनेट पर क्या देखते हैं? वहां क्या ई-टेलिंग हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा आप उस पर (इंटरनेट) कुछ भी नहीं करते हैं. '' 



सारस्वत ने राजनेताओं के कश्मीर दौरे को लेकर भी सवाल उठाया है. उन्होंने कहा, ''राजनेता कश्मीर क्यों जाना चाहते हैं? वे कश्मीर में भी दिल्ली की तरह सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन को फिर से खड़ा करना चाहते हैं.'' उन्होंने कहा कि राजनेता विरोध प्रदर्शनों को हवा देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं."

बता दें 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा खत्म करने के साथ ही केंद्र सरकार ने वहां इंटरनेट के साथ मोबाइल और ब्रॉडबैंड सेवाओं पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी थी. शनिवार को ही घाटी में सभी लोकल प्रीपेड मोबाइल सेवाओं की बहाली की गई है. सूबे में प्रीपेड कॉल, SMS और 2G इंटरनेट सेवाएं शुरू हो गई हैं. इससे पहले ब्रॉडबैंड सेवाएं शुरू की गई थीं. वहीं बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर का दौरा करने और संपर्क अभियान की योजना बनाई है. इसके 18 से 24 जनवरी के बीच लिए स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, रिटायर्ड जनरल वीके सिंह समेत 36 बड़े नेता राज्य का दौरा करने जा रहे हैं.

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