दिल्ली के ज्योति नगर में दुकानदार की गोली मारकर हत्या, वारदात से दहशत में लोग

दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि राजुल गुप्ता की दो अनजान युवकों से हाथापाई हुई थी.?

Update: 2019-09-17 12:56 GMT

नई दिल्ली : राजधानी के उत्तर पूर्वी जिला की पोस्ट कॉलोनी ज्योति नगर में बीती रात 43 साल के व्यावसायी राजुल गुप्ता की उनके घर के दरवाजे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है. एक बड़ी आशंका यह है कि राजुल गुप्ता को लूटपाट के इरादे से टारगेट किया गया, लेकिन गोली चलने और विरोध होने के डर से हमलावर घटनास्थल से फरार हो गए. 

दूसरी ओर पुलिस का कहना है कि राजुल गुप्ता की दो अनजान युवकों से हाथापाई हुई थी. उसी दौरान गोली बदमाश गोली मारकर फरार हो गए. गोली उनके कंधे के पिछले हिस्से यानी कमर से ऊपर की तरफ लगी. गोली लगने के बाद आसपास के लोग उन्हें शांति मुकुंद अस्पताल ले गए. पीसीआर को रात करीब 11:30 बजे मामले की सूचना अस्पताल से मिली. पुलिस का कहना है कि राजुल गुप्ता के पास कुछ हजार कैश था जो उनके पास सुरक्षित मिला.

हालांकि उनकी सोने की चेन गायब है. पुलिस को घटनास्थल के आसपास से सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी मिली है. जिसके बिनाह पर हमलावरों का सुराग लगाने की कोशिश की जा रही है. पुलिस आधिकारिक तौर पर हत्या का कोई खुलासा करने की स्थिति में नहीं है. वारदात रात 9:05 बजे राजुल गुप्ता की कोठी के दरवाजे पर हुई. उनका घर से कुछ दूरी पर स्थित दुर्गापुरी चौक पर इलेक्ट्रॉनिक सामान का शोरूम है.

राज शोरूम बंद करके स्कूटी से घर गए थे. दरवाजे पर स्कूटी सवार दो बदमाशों ने उनसे खींचतान की. तभी घर के सामने वाले पार्क में बैठे लोगों को गोली चलने की आवाज सुनाई दी. गुप्ता की स्कूटी अपने घर के दरवाजे से टकराई भी. आवाज सुनकर घरवाले और पाक से कुछ लोग निकले, तब तक हमलावर फरार हो चुके थे. गुप्ता के परिवार में 18 साल की बेटी और 13 साल का बेटा है. बेटी फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट बताई जा रही है. वारदात से ईस्ट ज्योति कॉलोनी के लोग दहशत में होने के साथ-साथ पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरते जाने से नाराज हैं. लोगों ने कहा कि गेटेड कॉलोनी में इस तरह की वारदात से जाहिर होता है कि शहर में कानून व्यवस्था सिर्फ नाम के लिए है, हकीकत में कोई कहीं भी सुरक्षित नहीं है.

दूसरी ओर मार्केट के दुकानदारों में भी गहरा रोष है. लोगों ने ऑन कैमरा बताया कि राजुल गुप्ता सरल और मिलनसार स्वभाव के दुकानदार थे. इस वारदात के पीछे रंजिश की आशंका नहीं लगती है. प्रतीत होता है कि लुटेरों ने उन्हें टारगेट करके लूटपाट की कोशिश की, लेकिन विरोध होने की स्थिति में गोली मारकर बिना कैश लुटे फरार हो गए, क्योंकि उस समय तक घरवाले और आसपास के लोग अलर्ट हो चुके थे.

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