कांग्रेस में रार? शर्मिष्ठा मुखर्जी ने चिदंबरम से पूछा- किस बात की खुशी मना रहे हैं?
शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर चिदंबरम से पूछा है कि क्या हमने बीजेपी को हराने का ठेका आम आदमी पार्टी को दे दिया है? चिदंबरम के ट्वीट का जवाब देते हुए शर्मिष्ठा ने उन पर हमला बोला और पूछा कि उनकी खुशी की वजह क्या है?
दिल्ली विधान सभा चुनाव में लगातार दूसरी बार देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस खाता भी नहीं खोल पाई है. पार्टी के भीतर नतीजों को लेकर सिर फुटव्वल शुरू हो चुकी है. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी और पार्टी की प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर नेता पी. चिदंबरम को आम आदमी पार्टी की जीत पर खुशी मनाने के लिए आड़े हाथों लिया है.
शर्मिष्ठा ने ट्वीट कर चिदंबरम से पूछा है कि क्या हमने बीजेपी को हराने का ठेका आम आदमी पार्टी को दे दिया है? चिदंबरम के ट्वीट का जवाब देते हुए शर्मिष्ठा ने उन पर हमला बोला और पूछा कि उनकी खुशी की वजह क्या है?
शर्मिष्ठा ने लिखा, 'सम्मान के साथ, चिदंबरम सर मैं जानना चाहती हूं कि कांग्रेस ने राज्यों में बीजेपी को हराने का काम ठेके पर दे दिया है क्या? अगर नहीं, तो फिर हम अपनी हार पर सोचने के बजाय आम आदमी पार्टी की जीत पर गर्व क्यों कर रहे हैं? और अगर ऐसा है तो हमें (पीसीसी) अपनी दुकान को बंद कर देना चाहिए.'
With due respect sir, just want to know- has @INCIndia outsourced the task of defeating BJP to state parties? If not, then why r we gloating over AAP victory rather than being concerned abt our drubbing? And if 'yes', then we (PCCs) might as well close shop! https://t.co/Zw3KJIfsRx
— Sharmistha Mukherjee (@Sharmistha_GK) February 11, 2020
आप की जीत से जोश में दिखे थे चिदंबरम
इससे पहले पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने ट्वीट करके आम आदमी पार्टी की जीत पर खुशी का इजहार किया था. उन्होंने कहा था कि AAP की जीत हुई, बेवकूफ बनाने तथा फेंकने वालों की हार हुई है. भारत के सभी हिस्सों से आने वाले दिल्ली के लोगों ने BJP के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हरा दिया है. दिल्ली के लोगों ने सलाम करता हूं जिन्होंने 2021 और 2022 में जिन राज्यों में चुनाव होने वाले हैं वहां के लोगों के लिए मिसाल पेश की है.
चिदंबरम ने ट्वीट करके कहा 'अगर मतदाता उन राज्यों के विचारों का प्रतिनिधित्व करते हैं जो वे आए थे, तो दिल्ली का मत, विपक्ष के विश्वास बढ़ाने का एक बूस्टर है कि भाजपा को हर राज्य में हराया जा सकता है. दिल्ली का वोट राज्य विशेष के वोट की तुलना में अखिल भारतीय वोट के करीब है. क्योंकि दिल्ली एक मिनी इंडिया है. याद कीजिए, जब दिल्ली में मतदान हुआ था, तब लाखों मलयाली, तमिल, तेलुगु, बंगाली, गुजराती और भारत के अन्य राज्यों से आए लोगों ने मतदान किया था.
कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने छोड़ा पद
पार्टी के भीतर मचे घमासान के बीच दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले भी पीसी चाको ने कहा था कि साल 2013 से ही कांग्रेस की स्थिति खराब होने लगी थी जब शीला दीक्षित मुख्यमंत्री थीं. आम आदमी पार्टी कांग्रेस के वोट बैंक के चलते उठी है. जब तक आम आदमी पार्टी है, कांग्रेस आगे नहीं बढ़ सकती है. इस बयान के बाद हड़कंप मच गया था. पिछले साल ही शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने चाको को मां की मौत का जिम्मेदार ठहराया था. संदीप दीक्षित ने कहा था कि मानसिक उत्पीड़न की वजह से उनकी मां की मौत हुई.
इसके पहले शर्मिष्ठा मुखर्जी ने दिल्ली विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर ट्वीट किया और पार्टी के पतन की बात स्वीकार की थी. उन्होंने कांग्रेस के पतन के कारण भी गिनाए और शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाए. शर्मिष्ठा ने ट्वीट किया, "दिल्ली में हमारा एक बार फिर से पतन हुआ. आत्मनिरीक्षण बहुत हो चुका, अब कार्रवाई का वक्त है. शीर्ष पर निर्णय लेने में देरी, रणनीति और राज्य स्तर पर एकता में कमी, हतोत्साहित कार्यकर्ता, जमीनी स्तर पर जुड़ाव में कमी- ये सभी कारक रहे हैं. सिस्टम का हिस्सा होने के नाते, मैं अपने हिस्से की जिम्मेदारी लेती हूं."