Google CEO सुंदर पिचाई ने कहा, मुसलमानों का साथ देना होगा

Update: 2015-12-12 10:43 GMT



कैलिफॉर्निया : अमरीका में मुसलमान को लेकर जारी बहस के बीच गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने 'असहिष्णुता' को लेकर अपनी चिंता जताई है। भारतीय मूल के पिचाई ने अपने ब्लॉग में लिखा है- हम अपने मूल्यों को भय से मात न खाने दें। हमें अमरीका और दुनिया भर में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों का समर्थन करना होगा।

सुंदर पिचाई ने अपने ब्लॉग में मुस्लिम कम्युनिटी के सपोर्ट में आर्टिकल लिखा है। सुंदर पिचाई ने कहा है कि खुले दिमाग, सहनशीलता और नए लोगों को अपनाने की कला यह अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत और खासियत है। अमेरिका की सबसे बड़ी ताकत उसकी डायवर्सिटी है। यह कोई संयोग नहीं है। अमेरिका हमेशा से ही माइग्रेंट्स का देश था और है।

पिचाई ने कहा कि मैं खुद एक माइग्रेंट्स की हैसियत अमेरिका में एक कंपनी चला रहा हूं। अमेरिका में नस्ल और कल्चर का महान मेल है। मेरा ऐसा मानना है कि चाहे आप कंपनी चला रहे हों या फिर देश। अलग-अलग आवाजें, बैकग्राउंड्स और अनुभव आपको बेहतर डिस्कशन और डिसिजन देते हैं। इससे दूसरों के लिए बेहतर रिजल्ट निकलकर आते हैं।

पिचाई ने आगे लिखा कि हमें अमेरिका और दुनियाभर में मुस्लिम और दूसरी माइनॉरिटी कम्युनिटीज को सपोर्ट करना चाहिए। हमें अपनी वैल्यूज को हारने नहीं देना है।

आपको बता दें इससे पहले फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग भी ट्रंप के विरोध में मुसलमानों का साथ दे चुके हैं। पिचाई ने भी उसी सुर में बात की है। हालांकि उन्होंने ट्रंप का नाम नहीं लिया लेकिन उन्होंने विवाद की ओर इशारा जरूर किया। उन्होंने कहा, 'इसीलिए आजकल समाचारों में असहिष्णु विचारों को देखकर दुख होता है, जो ऐसे बयानों में सुनाई देते हैं कि आवाजों, विचारों और धर्म के आधार पर समूह विशेष के लोगों के योगदान के बिना हमारा देश बेहतर स्थान होगा।'

क्या कहा था डोनाल्ड ट्रंप ने ?
यूएस प्रेसिडेंशियल इलेक्शन में रिपब्लिकन कैंडिडेट बनने की दौड़ में सबसे आगे चल रहे ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि अमेरिका में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन तब तक जारी रहना चाहिए, जब तक देश को यह पता न चल जाए कि आखिर यहां हो क्या रहा है।

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