कट्टरपंथी देश में ऐसे मिला महिलाओं को मौका, सफीना बनीं थी पहली महिला वोटर

Update: 2015-12-13 06:45 GMT


रियादः सऊदी अरब के इलेक्शन्स में पहली बार किसी महिला कैंडिडेट ने जीत हासिल की है। सलमा बिन्त हिजाब अल ओतेबी ने मक्का म्यूनिसिपल काउंसिल के इलेक्शन में जीत दर्ज की है। जनता ने उन्हें मद्रकाह काउंसिल के लिए चुना है। बता दें कि बेहद कंजरवेटिव माने जाने वाले सऊदी अरब में ऐसा पहली बार हुआ है, जब महिलाओं ने इलेक्शन लड़ा भी और वोट भी डाला।

इससे पहले दो म्यूनिसिपल इलेक्शन हुए
- 2005 में देश का पहला म्यूनिसिपल इलेक्शन हुआ था। इसके बाद 2011 में चुनाव हुए।
- दोनों ही बार सिर्फ पुरुषों को चुनाव लड़ने की इजाजत दी गई।

कट्टरपंथी देश में ऐसे मिला महिलाओं को मौका
- पिछले एक दशक में यहां सोशल लेवल पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने को लेकर कई कदम उठाए गए हैं।
- किंग अब्दुल्ला ने 2011 में महिलाओं को चुनाव लड़ने और वोटिंग की इजाजत दी थी।


सफीना बनीं थी पहली महिला वोटर
- महिलाओं को चुनाव में हिस्सा लेने की इजाजत इसी साल मिली। सफीना अबु अल-शमत वोटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने वाली पहली महिला बनीं।
- इसके बाद जमाल अल-सादी ने वोटर के तौर पर रजिस्ट्रेशन करवाकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करवाया।

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