काबुल गुरुद्वारा हमले में खुलासा: आत्मघाती हमलावरों में केरल का आतंकी साजिद भी था..ऐसे हुई पहचान

हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली और अपनी मैगजीन में हमलावरों के फोटो छापी, इसमें मोहम्मद साजिद भी था

Update: 2020-03-28 08:51 GMT

काबुल : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के गुरुद्वारे में आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों में एक केरल का था। दो दिन पहले हुए इस हमले में 24 लोग मारे गए थे। हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली थी। अब आईएस ने दावा किया है कि इसमें शामिल एक आतंकी का नाम अबु खालिद अल-हिंदी था। आईएस ने अपनी मैगजीन अल नबा में हमलावरों की तस्वीरें और नाम छापे थे। इसमें साजिद हाथों में राइफल लिए नजर आ रहा था। जांच एजेंसियों ने शुक्रवार को उसकी पहचान केरल के कासरगोड निवासी मोहम्मद साजिद कुतिरुम्मल (29) के तौर पर की। इसी तस्वीर से उसकी पहचान की गई।

खुफिया एजेंसियां यह पता लगा रही हैं कि साजिद किस तरह अफगानिस्तान पहुंचा। इसके लिए एजेंसी अफगानिस्तानी एजेंसियों के संपर्क में है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इससे पहले खुलासा किया था कि साजिद को आईएस में अब्दुल राशिद अब्दुल्ला चंदेरा ने शामिल कराया था। चंदेरा पिछले साल अफगानिस्तान में मारा गया था।

साजिद 2016 में आईएस में शामिल होने अफगानिस्तान गया था

साजिद पहले खाड़ी देश की किसी दुकान में काम करता था। वहां से लौटने के बाद 2016 में आईएस में शामिल होने के लिए केरल से अफगानिस्तान के खुरासान प्रांत पहुंचा था। उसके साथ 13 अन्य लोग भी गए थे। साजिद के आईएस में शामिल होने के लिए जाने के बाद उसके पिता महमूद ने पुलिस से शिकायत की थी। इस संबंध में केरल के चेंदरा पुलिस स्टेशन में एफआईआर भी दर्ज की गई थी। उसके साथ अफगानिस्तान गई आयशा उर्फ सोनिया सेबेस्टियन और फातिमा उर्फ निमिशा ने वापस देश लौटने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि,अब तक कोई नहीं लौटा है। केरल से 4 साल पहले आईएस में शामिल होने गए इन 14 लोगों में सात की अब मौत हो चुकी है।

हमले में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के शामिल होने शक

इस बीच एक एम्सटर्डम यूरोपियन थिंक टैंक ने दावा किया है कि काबुल के गुरुद्वारा पर हुए हमले का मास्टरमाइंट पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई है। पाकिस्तान हाल के दिनों में अफगानिस्तान में भारतीयों के खिलाफ सभी बड़े हमलों के पीछे रहा है। आईएसआईएस ने हमले के बाद जारी दूसरे बयान में इसे कश्मीर में की गई भारत सरकार की कार्रवाई का बदला बताया था। वहीं, अफगानिस्तान में आईएस का नेटवर्क मजबूत नहीं है। ऐसे में इस बात का शक है कि इसे आईएसआई की शह पर अंजाम दिया गया है। इससे पहले भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने आशंका जताई थी कि गुरुद्वारा अटैक अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान प्रायोजित हमले की शुरुआत हो सकती है।

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