मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति को नहीं मिली राहत, आजीवन कारावास की सजा बरकरार
नई दिल्ली : मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद मुर्सी को कतर के लिए जासूसी करने के आरोप में मिली आजीवन कारावास की सजा में कोर्ट से राहत नहीं मिली, मिस्र की एक अदालत ने शनिवार को मुहम्मद मुर्सी की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सरकारी समाचार एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि मिस्र की शीर्ष अपीलीय अदालत द कोर्ट ऑफ कैसेशन ने पूर्व राष्ट्रपति की अपील को खारिज करते हुए कहा कि 'मुर्सी के खिलाफ फैसला अंतिम है और इसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है।'
आपको बता दें मिस्र में आजीवन कारावास की सजा 25 वर्षों की जेल है। गोपनीय दस्तावेजों को कतर को लीक करने के लिए अपने पद का इस्तेमाल करने और अल-जजीरा चैनल को इन्हें बेचने का दोषी पाये जाने के बाद जून 2016 में मुर्सी को यह सजा सुनायी गयी थीं।
अदालत ने इसी मामले में मुस्लिम ब्रदरहुड के तीन प्रमुख सदस्यों की मौत की सजा की भी पुष्टि की है। अभियुक्तों पर कतर को सशस्त्र बलों के बारे में वर्गीकृत दस्तावेज देने का आरोप लगाया गया था। यह दस्तावेज मिस्र की राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते थे।