दस दिनों बाद यूरोप को मिली गैस, समझौते का सम्मान करने की रूस ने दी सलाह

रूस यूक्रेन युद्ध् शुरू होने के बाद से ही यूरोप में तेल गैस का भारी संकट पैदा हो गया था। पिछले दस दिनों से रूस ने यूरोप को गैस सल्पाई रोक दी थी।

Update: 2022-07-22 12:39 GMT

रूस ने बाल्टिक सागर के रास्ते गुज़रने वाली नार्ड स्ट्रीम वन से जर्मनी को मुहैया की जाने वाली गैस को इस चेतावनी के साथ बहाल कर दिया है कि वह गैस की सप्लाई पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद कर सकता है। रूस यूरोप को नार्ड स्ट्रीम वन पाइपलाइन के ज़रिए गैस सप्लाई करता है जिसे उसने दस दिन से पाइपलाइन के नेटवर्क की सालाना मरम्मत के नाम पर बंद कर रखा था। यूरोप में रूस की ओर से गैस की सप्लाई में गतिरोध को लेकर भारी चिंता फैल गई थी और यूरोपीय नेता इस आशंका का इज़हार कर रहे थे कि रूस पश्चिम की आर्थिक पाबंदियों के जवाब में यूरोप की गैस बंद कर रहा है और वह इसे एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। जर्मनी उन देशों में जिनकी ऊर्जा ज़रूरतों को लेकर रूस पर बहुत अधिक निर्भरता है और वह यूक्रेन पर रूस के हमले से पहले अपनी ज़रूरत की गैस का 55 प्रतिशत भाग रूस स ख़रीदता था। रूस ने नार्ड स्ट्रीम वन से गैस की सप्लाई बहाल कर दी है लेकिन गैस की मात्रा पहले की तुलना में केवल चालीस प्रतिशत है।

रूस बाल्टिक सागर से गुज़रने वाली पाइपलाइन नार्ड स्ट्रीम वन के ज़रिए यूरोप को गैस सप्लाई करता है रूस ने यूरोप को अतिरिक्त गैस के लिए 12 अरब डालर की लागत से नार्ड स्ट्रीम 2 परियोजना भी पूरी कर ली थी लेकिन यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद जर्मनी ने नार्ड स्ट्रीम टू से गैस की सप्लाई को फ़िलहाल रोक रखा था। यूरोपीय आयोग ने बुधवार को अपने सदस्य देशों से कहा था कि वे रूस की गैस पर निर्भरता कम करने के लिए अगले सात महीने तक गैस की खपत में 15 प्रतिशत तक कमी करें। रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतीन ने यूरोप को गैस की सप्लाई के बारे में आशंकाएं दूर करने की कोशिश की और कहा कि रूसी कंपनी गाज़प्रोम अपने सभी समझौतों का सम्मान करेगी। पूतिन के प्रवक्ता पेसकोफ़ का कहना था कि यह बात ग़लत है कि रूस गैस को हथियार के तौर पर इस्तेमाल करना चाहता है।जर्मनी के नेटवर्क रेग्युलेटर क्लाज़ मूलेर ने एक ट्वीट में चेतावनी दी कि नार्ड स्ट्रीम वन से गैस की सप्लाई की बहाली रूस से संबंधों की बेहतरी का संकेत नहीं है।रूस पहले ही पोलैंड, बुलग़ारिया, हालैंड, डेनमार्क और फ़िनलैंड को गैस की क़ीमतों की अदायगी के तरीक़े पर मतभेद की वजह से गैस की सप्लाई बंद कर चुका है।

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