Coronavirus मरीजों पर चीन ने बोला बड़ा झूठ, डेटा हुआ लीक..पढ़िए हैरान करने वाली रिपोर्ट ?

यह जानकारी मिलिटरी के नेतृत्व में चलने वाली एक चीनी यूनिवर्सिटी से लीक हुई है।

Update: 2020-05-16 08:31 GMT

कोरोना महामारी पर चीन अब तक दावा करता आया है कि यहां सिर्फ 84,029 मामलों की पुष्टि हुई जबकि 4,633 मौतें हुई लेकिन अब एक ताजा खुलासा हुआ है जिसमें कहा गया है कि चीन में 84 हजार नहीं बल्कि 6.4 लाख लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए थे। यह जानकारी मिलिटरी के नेतृत्व में चलने वाली एक चीनी यूनिवर्सिटी से लीक हुई है।

यह खुलासा चांग्सा में मौजूद नैशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नॉलजी के डेटा लीक होने से हुआ है। इस डेटा से यह भी खुलासा हुआ है कि संक्रमण की जद में 230 शहर थे। इसमें फरवरी से लेकर अप्रैल अंत तक संक्रमित लोगों की सूची है। जबकि संक्रमित मरीजों की पुख्ता संख्या के साथ इसमें उनके मिलने के स्थान की जीपीएस कोडिंग भी दर्ज है।

लीक हुए डाटा में अस्पतालों के साथ संक्रमितों के मिलने वाले स्थान जैसे होटल, सुपरमार्केट, रेलवे स्टेशन, रेस्तरां और स्कूलों के नाम भी शामिल हैं। उदाहरण के तौर पर इसमें लिखा गया है कि 14 मार्च को पूर्वी शहर झिंझियांग के एक रेस्तरां में कोविड-19 का एक मामला मिला, जबकि हरबिन के एक चर्च में 17 मार्च को संक्रमण के दो केस मिले।

यह दावा भी किया जा रहा है कि संख्या 6.4 लाख से भी ज्यादा और कम हो सकती है। यह साफ नहीं है कि यह डेटा कैसे जुटाया गया है लेकिन यूनिवर्सिटी की साइट पर लिखा गया है कि इसने विभिन्न सार्वजनिक संसाधनों का इस्तेमाल किया है। चूंकि इसमें किसी का नाम दर्ज नहीं है तो केस की पुष्टि मुश्किल है।

बता दें कि चीन के खिलाफ आरोपों की बौछार जारी है। उस पर कोरोना मरीजों की संख्या दबाने के आरोप हैं। वहीं, चीन का दावा है कि वह कोरोना वायरस से निपटने में कामयाब रहा और समय रहते जरूरी पीपीआई किट और दवाई खरीद ली ताकि संक्रमण को रोका जा सके।

देश में चीन की सेना की कोरोना वायरस से निपटने में बड़ी भूमिका है। सेना ने क्वारनटीन सेंटर, ट्रांसपोर्ट सप्लाई और मरीजों को ठीक करने में बहुत मदद की है। ऐसे में चीन के सैन्य अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा डेटा काफी विश्वसनीय कहा जा सकता है। हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि उसे ऐसे किसी डेटाबेस की जानकारी नहीं है।

उल्लेखनीय है कि अमेरिका ने चीन पर कोरोना वायरस की जानकारी छुपाने और विश्व स्वास्थ्य संगठन पर पेइचिंग का बचाव करने के लिए आरोप लगाए हैं। वहीं, आकंड़ों की बात करें तो दुनियाभर में कोरोना वायरस के 44 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है और 3 लाख लोगों की जान इस घातक वायरस ने ले ली है।

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