दो साल के अंदर मंदी में फंसने जा रही है दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था!

आर्थिक विशेषज्ञों के बीच एक सर्वे में बहुमत की राय यदि मानी जाये तो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका दो साल के अंदर मंदी में फंसने जा रही है.

Update: 2019-08-19 16:07 GMT

आर्थिक विशेषज्ञों (Economic Experts) के बीच एक सर्वे में बहुमत की राय यदि मानी जाये तो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका (US) दो साल के अंदर मंदी (Recession) में फंसने जा रही है. उनके मुताबिक अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (Federal Reserve) के कदमों से इस मंदी की शुरुआत का संभावित समय पीछे टाल दिया गया है. यह सर्वे रिपोर्ट ऐसे समय आई है राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) ने अमेरिका के मंदी में घिरने की बात का विरोध किया है.

अमेरिका में पिछले सप्ताह जारी साप्ताहिक आर्थिक आंकड़ों में भी कुछ मिली जुली तस्वीर उभर रही है. ट्रम्प ने रविवार को संवाददाताओं से कहा था, 'मैं हर बात के लिए तैयार हूं. मुझे नहीं लगता कि हम मंदी में पड़ेंगे. हम बहुत अच्छा चल रहे हैं. हमारे उपभोक्ता धनी हैं. मैंने उन्हें कर में जबरदस्त छूट दी है उनके पास खूब पैसा है और वे खरीदारी कर रहे हैं. मैंने वाल मार्ट के आंकड़े देखें हैं उन्हें छप्पर फाड़ आमदनी हो रही है.'

इसी साल शुरू हो जाएगा मंदी का दौरा

कंपनियों के अर्थशास्त्रियों के संगठन 'नेशनल एसोसिएशन फार बिजनेस इकॉनमिस्ट्स (एनएबीई)' के ताजा सर्वे में फरवरी की तुलना में विशेषज्ञों की संख्या काफी कम हुई है जो यह मानते हैं कि अमेरिका में मंदी का दौर इसी वर्ष (2019) में शुरू हो जाएगा. एनएबीई ने यह सर्वे 31 जुलाई को फेडरल रिजर्व द्वारा नीतिगत ब्याज दर कम किए जाने के पहले किया था. इससे पहले ट्रम्प फेडरल रिजर्व पर नीतिगत ब्याज ऊंची रख कर अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते रहे थे.

फेडरल रिजर्व पहले से संकेत दे रहा था कि वह अर्थव्यवस्था के आगे के परिदृश्य को लेकर चिंता को देखते हुए ब्याज दर बढ़ाने की नीतिगत दिशा में बदलाव कर सकता है. फेड ने 2018 में नीतिगत दर बढ़ाने का सिलसिला शुरू किया था.

क्या कहता है सर्वे रिपोर्ट?

एनएबीई के अध्यक्ष और केपीएमजी के मुख्य अर्थशास्त्री कांस्टैंस हंटर ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि मौद्रिक नीति में बदलाव से अर्थव्यवस्था में विस्तार का दौर कुछ और समय तक चल सकता है. इस सर्वे में 226 में केवल दो प्रतिशत ने कहा कि मंदी इसी साल शुरू हो सकती है. फरवरी में ऐसा मानने वाले 10 प्रतिशत थे.

हंटर ने कहा कि मंदी 2020 में आएगी या 2021 में, इस बात पर राय बिल्कुल बंटी नजर आयी. 38 प्रतिशत अर्थशास्त्रियों ने कहा कि अमेरिका अगले साल मंदी में पड़ सकता है जबकि 34 प्रतिशत ने कहा कि यह इससे अगले साल (2021) से पहले नहीं होगा. इनमें 46 प्रतिशत अर्थशास्त्रियों ने कहा कि फेडरल रिजर्व इस साल नीतगत ब्याज दर में एक बार और कटौती करेगा. लेकिन एक तिहाई ने इस साल नीतिगत ब्याज दर के वर्तमान स्तर पर बने रहने की संभावना जताई है. उनका कहना है कि नीतिगत ब्याज दर का उच्चतम स्तर 2.25 तक सीमित रहेगा.

चीन के साथ ट्रेड डील पर संदेह

अर्थशास्त्रियों को चीन के साथ व्यापार समझौता होने पर संदेह है. सर्व में 64 प्रतिशत ने कहा कि 'शायद दिखावे के लिए कोई समझौता हो जाए.' लेकिन यह सर्वे ट्रम्प के उस फैसले के पहले का है जिसमें ट्रम्प ने चीन के साथ व्यापार में बाकी बची 300 अरब डालर के आयात पर 10 प्रतिशत की दर से शुल्क लगाने का फैसला किया था. यह कदम दो चरणों में - एक सितंबर और पांच दिसंबर को लागू होगा.

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