प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान अमेरिका के वैज्ञानिकों ने निकाल लिया है

सालों तक न खत्म होने वाले प्लास्टिक को डी कंपोज कर देगा नया एंजाइम;

Update: 2022-06-01 14:15 GMT

एंजाइम का इस्तेमाल करके धरती से प्लास्टिक प्रदूषण को खत्म करने की प्रक्रिया खोजने वाले वैज्ञानिक ने अब वैश्विक स्तर पर गहराते प्लास्टिक प्रदूषण के संकट से निपटने के लिए एक बार फिर से प्रकृति आधारित समाधान विकसित करने में सफलता हासिल की है. उन्होंने एक ऐसे एंजाइम के बारे में पता लगाया है, जिसमें टेरीप्थेलेट (TPA) को तोड़ने की उल्लेखनीय क्षमता होती है. TPA में एक रासायनिक बिल्डिंग ब्लॉक होता है जो पॉलीइथालीन टेरीप्थेलेट प्लास्टिक के निर्माण में इस्तेमाल होता है. इसका उपयोग एक बार इस्तेमाल होने वाली पानी की बोतल, कपड़े और प्लास्टिक की चादरें बनाने में किया जाता है।

अमेरिका और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने निकाली है तकनीकी

मोंटाना स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जेन ड्यूबोइस और इंग्लैंड के पोर्टमाउथ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जॉन मेक्गीहन ने इस खोज में सफलता हासिल की है. इससे पहले 2018 में मेक्गीहन ने उस अंतर्राष्ट्रीय दल का नेतृत्व किया था, जिसने PET प्लास्टिक को प्राकृतिक तौर पर तोड़ने में मददगार एंजाइम को तैयार किया था. PETase and MHETase नाम के इन एंजाइम की मदद से PET पॉलीमर में मौजूद रसायनिक बिल्डिंग ब्लॉक्स, इथाइलीन ग्लाइकोल और टीपीए को तोड़ा जा सकता था।

यह नई शोध प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित हुई है. जो TPA प्रदूषण से निपटने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाती है. TPA का PET के अलावा और कहीं भी इस्तेमाल नहीं होता है और न ही कोई बेक्टरिया इसे पचा सकता है. ऐसे में PET को पचाने वाले बैक्टिरिया की पहचान ने प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. इस तरह से आगे चलकर अगर यह प्रयोग पूरी तरह से सफल होकर चलन में आता है तो बैक्टीरिया के जरिए इसका इस्तेमाल लंबे समय तक बने रहने वाले रसायनिक पदार्थों और प्लास्टिक के कूड़े से जरूरी और महत्व की चीजों को बनाने में किया जा सकेगा।

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