दिग्विजय सिंह ने वित्तमंत्री और गृहमंत्री को लिखा पत्र

दिग्विजय सिंह ने वित्त मंत्री को बेरोजगार युवाओं की मदद के लिए कोचिंग संस्थानों में जीएसटी को शून्य करने का सुझाव दिया है।

Update: 2019-07-06 08:00 GMT

भोपाल। कांग्रेस नेता और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने वित्तमंत्री और गृहमंत्री को अलग अलग पत्र लिखा है पहले पत्र में सिंह ने कोचिंग संस्थानों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे से बाहर लाने का अनुरोध करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा है। दिग्विजय सिंह का कहना है कि कोचिंग अब एक बहुत बड़ा उद्योग बन गया है और छात्रों के हित में इसे संरक्षित करने की आवश्यकता है। मैंने वित्त मंत्री को बेरोजगार युवाओं की मदद के लिए कोचिंग संस्थानों में जीएसटी को शून्य करने का सुझाव दिया है। 

दिग्विजय सिंह ने अनुरोध किया है कि ऐसा करना बेरोजगार युवाओं के हित में एक बड़ा कदम होगा। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि बड़ी संख्या में बेरोजगार युवा केंद्रीय और राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं के लिए कोचिंग करते हैं। पहले इन कोचिंग संस्थानों पर पांच फीसदी जीएसटी था, जो अब बढ़कर 18 फीसदी कर दिया गया है। ऐसे में ये कोचिंग संस्थान और महंगे हो गए हैं। 

कांग्रेस नेता ने कहा कि बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए इन संस्थानों को जीएसटी के दायरे से बाहर लाया जाना चाहिए। साथ ही केंद्र सरकार को केंद्र के तहत होने वाली परीक्षाओं से प्रवेश शुल्क लेना भी बंद कर देना चाहिए। 


माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी को मेरा पत्र, "आरएसएस मीडिया आर्म ऑनर्स ग्रुप जो ब्रांडेड नागरिकों को राष्ट्र-विरोधी" मीडिया रिपोर्ट पर अपना ध्यान आकर्षित कर रहा है। सोशल मीडिया पर कुछ लोगों / समूहों द्वारा किसी पर भी निशाना साधने या शक्तिशाली राजनीतिज्ञ नेताओं पर बोलने का साहस करने वाले ये हमले अधिक चिंताजनक हैं क्योंकि उन्हें घाटी के लोगों का विश्वास जीतना होगा और ऐसे लोगों को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए जो शेष भारत में विशेष रूप से कश्मीरी छात्रों और व्यापारियों के कश्मीरियों को निशाना बना रहे हैं।



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