मध्य प्रदेश: कंप्यूटर बाबा के सामने आये हैकर बाबा

Update: 2019-09-18 13:21 GMT

मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार द्वारा संत समागम के अगले ही दिन संतों का संग्राम भी खुलकर सामने आ गया. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए प्रचार करने वाले कंप्यूटर बाबा पर देव मुरारी बापू ने बड़ा हमला किया और उन्हें जूते से मारने की धमकी दी। दरअसल, चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व का सहारा लेने वाली कांग्रेस ने राजधानी भोपाल में मंगलवार को एक बड़ा संत समागम किया, जिसमें कई साधु-संतों को न्योता भेजा गया था. इस कार्यक्रम में संतों को लाने की जिम्मेदारी नदी न्यास बोर्ड के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा पर थी.

दरअसल कंप्यूटर बाबा और देव मुरारी बापू ने चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था. बदले में इनकी इच्छा सरकार बनने पर बड़ा पद पाने की थी लेकिन कमलनाथ सरकार में सरकारी पद पाने में इनमें से एक यानी कंप्यूटर बाबा ही सफल हुए जबकि देव मुरारी बापू अभी तक गौ-संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष पद की मांग पर अड़े हैं.

हाल ही में गौ-संवर्धन बोर्ड का अध्यक्ष पद ना मिलने पर सीएम हाउस के पास आत्मदाह की धमकी देने के बाद सरकार के धर्मस्व मंत्री पीसी शर्मा ने देव मुरारी बापू से मुलाकात कर उनको मनाने की कोशिश की लेकिन महीने भर बाद भी पद नहीं मिला तो इसका ठीकरा और गुस्सा कंप्यूटर बाबा पर फोड़ते हुए उन्हें जूते से पीटने की चेतावनी दी है.

यही नहीं, देव मुरारी बापू ने तंज कसते हुए कहा कि 'अगर वो कंप्यूटर बाबा हैं तो मैं हैकर हूं'. देव मुरारी बापू ने संत समागम को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि 'जब बाढ़ का मौसम है और मध्य प्रदेश की जनता परेशान है तब कमलनाथ सरकार को संत समागम नहीं करना था. सरकार का करोड़ों रुपए खर्च करने से अलग देव मुरारी बापू ने कहा कि वो भी जल्द ही इससे कम खर्च में संत समागम करेंगे।

वहीं पिछली बार आत्मदाह की धमकी देने वाले देव मुरारी बापू को मनाने पहुंचे कमलनाथ सरकार के धर्मस्व मंत्री पीसी शर्मा भी अब देव मुरारी बापू को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. कंप्यूटर बाबा पर दिए आपत्तिजनक बयान के बाद मंत्री पीसी शर्मा ने देव मुरारी बापू को ब्लैकमेलर करार दिया और कहा कि कंप्यूटर बाबा शासकीय पद पर हैं जबकि देव मुरारी बापू को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए.

इधर, संत समागम में साधू-संतों को बुलाकर उनके सामने भगवा को लेकर दिए बयान और देव मुरारी बापू को ब्लैकमेलर कहने पर बीजेपी ने इसे संतों का अपमान बताया है. बीजेपी विधायक और पूर्व मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि 'कांग्रेस ने पहले जनता के बीच फूट डाली और अब संत समाज के बीच फूट डालकर कांग्रेस सरकार अंग्रेजों के कदम पर चल रही है.'

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