मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र बॉर्डर पर प्रवासी मजदूरों ने खाना न मिलने पर किया हंगामा, पुलिस पर फेंके पत्थर

प्रवासी मजदूरों को खाना और यातायात मुहैया कराने का वादा किया गया था. आरोप है कि यह वादा पूरा नहीं किया गया.

Update: 2020-05-15 05:25 GMT

महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश और बिहार जा रहे प्रवासी मजदूरों ने कानून-व्यवस्था और कोरोनावायरस को लेकर मध्य प्रदेश सरकार की चिंता बढ़ा दी है. हजारों मजदूरों ने गुरुवार को पुलिसकर्मियों के ऊपर पथराव कर दिया. दरअसल ये प्रवासी मजूदर 9 घंटे से भोजन का इंतजार कर रहे थे.

पथराव की यह घटना मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बॉर्डर इलाके सेंधवा में हुई. प्रवासी मजदूरों को खाना और यातायात मुहैया कराने का वादा किया गया था. आरोप है कि यह वादा पूरा नहीं किया गया. इस घटना के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं. वीडियो में हजारों लोगों को हाईवे पर चिल्लाते और भागते हुए देखा जा सकता है.

 पुणे में काम करने वाले सुनीत मिश्रा ने कहा, "यहां पर लोग अपने एक महीने के बच्चे के साथ भी यात्रा कर रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार ने हमें यहां पर भेजा लेकिन हमारी सरकार हमें रोक रही है. हम सब पिछली रात से भूखे और प्यासे हैं." उन्होंने कहा कि असहाय लोग यहां जंगल इलाके में बिना किसी सुरक्षा के रुके हुए हैं. किसी को भी हमारी फिक्र नहीं है.

जिलाधिकारी अमित तोमर ने कहा, "बसों के चले जाने के बाद कुछ प्रवासी मजदूर बचे रहे गए थे. इसी दौरान पथराव की घटना हुई. वो कह रहे थे कि जो छूट गए हैं उनके लिए कोई गाड़ी नहीं है लेकिन हमने उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया."

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