मध्‍य प्रदेश के सियासी बवाल पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान, कहा- कांग्रेस में आपस में ही मारा- मारी मची हुई है

शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि बीजेपी नहीं चाहती कमलनाथ सरकार गिरे?

Update: 2020-03-04 06:57 GMT

मध्‍य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हॉर्स ट्रेडिंग के आरोपों को लेकर बड़ा बयान दिया है. शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि बीजेपी नहीं चाहती कमलनाथ सरकार गिरे, लेकिन अगर सरकार खुद ब खुद गिर रही है तो हम क्‍या करें..मामला उनके घर का है, आरोप हम पर लगते हैं. उनका काम केवल आरोप लगाना है. अब कांग्रेस में इतने गुट हैं कि आपस में ही मारा- मारी मची हुई है. हम ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हैं, लेकिन अपने बोझ से अगर कुछ होता है तो वो जानें. आरोप हम पर लगाते हैं इसका अर्थ क्या है? हमने पहले भी कहा है कि भाजपा ऐसी किसी गतिविधि में शामिल नहीं है।

शिवराज सिंह चौहान ने यह भी कहा कि कमलनाथ सरकार में किसान, बच्‍चे, माताएं-बहनें सब परेशान हैं. पूरा प्रदेश त्राहि-त्राहि कर रहा है. कांग्रेस के विधायक सरकार से खुद परेशान हैं. शिवराज सिंह चौहान ने दिग्‍विजय सिंह के आरोपों को लेकर कहा, उनका काम केवल आरोप लगाना है. दिल्‍ली आने की बाबत शिवराज सिंह चौहान ने कहा, मेरा तो दिल्‍ली आना-जाना लगा रहता है.



उधर, केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने इसे कांग्रेस का 'आंतरिक कलह' बताया और कहा कि भाजपा का इससे कोई लेना देना नहीं है. भाजपा के मध्य प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने भी राज्य के सियासी घटनाक्रम के पीछे भाजपा की भूमिका से इनकार किया है. बीडी शर्मा ने मीडिया से कहा, "यह कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और सिंधिया जी (माधव राव सिंधिया) को बताना चाहिए कि विधायक कहां हैं. यह कांग्रेस की आंतरिक कलह का मामला है."

दरअसल मध्य प्रदेश के आठ विधायक मंगलवार को अचानक गायब हो गए. पता चला कि सभी गुरुग्राम के एक होटल में हैं. इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर विधायकों को होटल में जबरन बंधक बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि 25 से 30 करोड़ में उन्हें खरीदने की कोशिश की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मीडिया से कहा, "विधायकों को अगवा करने में कुछ अराजक तत्वों ने भी भूमिका निभाई."

दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान की भी इस मामले में भूमिका होने की बात की. बता दें कि गुरुग्राम में ठिकाना बनाने वाले इन आठ विधायकों में चार कांग्रेस के और एक-एक विधायक सपा, बसपा के और दो निर्दलीय विधायक हैं. राज्य में संख्या बल की बात करें तो इस वक्त कांग्रेस के पास 114 और भाजपा के पास 107 विधायक हैं.

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