महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजे LIVE: बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को प्रचंड बहुमत, रुझानों में

Update: 2019-10-24 04:27 GMT

मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Elections 2019) अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच चुका है. आज (24 अक्टूबर) थोड़ी देर में वोटों की गिनती (Maharashtra-Haryana Election Result 2019) शुरू होगी. मतगणना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी आप तक पहुंचाने के लिए स्पेशल कवरेज न्यूज भी तैयार है. 

- बीजेपी 128 और शिवसेना 66 सीटों पर आगे, कांग्रेस 35 और एनसीपी 34 सीटों पर आगे

- कोपरी से शिवसेना के एकनाथ शिंदे आगे

- महाराष्ट्र : अकोला से बीजेपी के रणधीर सावरकर आगे

- बीड़ सीट से बीजेपी की पंकजा मुंडे आगे चल रही हैं.

- बारामती से एनसीपी के अजित पवार आगे चल रहे हैं,

- नालासोपारा से बीएवी के क्षितिज ठाकुर आगे

- मुंबई की वर्ली सीट से आदित्य ठाकरे आगे चल रहे हैं. एनसीपी के सुरेश माने पीछे चल रहे हैं.

- पोस्टल बैलेट की गितनी में महाराष्ट्र में बीजेपी 3 और शिवसेना 1 सीट पर आगे

- महाराष्ट्र से आए पहले रुझान में बीजेपी एक सीट पर आगे चल रही है.

- बीजेपी के राज्य मुख्यालय में चुनाव नतीजों से पहले ही जीत की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. पार्टी ऑफिस में लड्डू तैयार किए जा रहे हैं.

महाराष्ट्र में NDA की जीत का अनुमान

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर जारी एक्जिट पोल में सीधे तौर से बीजेपी+शिवसेना के गठबंधन वाले एनडीए को जीत मिलने का अनुमान जताया गया है. अलग-अलग सर्वे में NDA के जीत के अंतर को बढ़ाया गया घटाया गया है. साल 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा की 288 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों में BJP 123 सीटें हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. BJP ने पहली बार महाराष्ट्र में इतनी सीटें हासिल की थीं. वहीं, कांग्रेस को 42 सीटों से संतोष करना पड़ा था. शिवसेना 63 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी. शरद पवार की एनसीपी को 41 सीटें मिली थीं.

चुनाव नतीजों पर टीवी चर्चा में भाग नहीं लेगी कांग्रेस

कांग्रेस ने गुरुवार को आने वाले हरियाणा व महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के नतीजों से जुड़ी टीवी बहसों के बहिष्कार का फैसला किया है. हालांकि, पार्टी नेता व्यक्तिगत स्तर पर, जहां कोई पैनल नहीं होगा, साक्षात्कार देने के लिए उपलब्ध रहेंगे. कांग्रेस का यह बहिष्कार मई में आम चुनाव के नतीजों के आने के बाद टीवी बहसों में पार्टी प्रवक्ताओं को नहीं भेजने की रणनीति का हिस्सा है. इस चुनाव में कांग्रेस की बेहद करारी हार हुई थी. पार्टी ने टीवी में होने वाली बहसों के 'खराब स्तर और इनके सांप्रदायिक व एकपक्षीय' होने का आरोप लगाते हुए इनका बहिष्कार किया हुआ है. पार्टी प्रवक्ता पार्टी मुख्यालयों पर मीडिया के लिए उपलब्ध रहेंगे.

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