महाराष्ट्र: कोरोना वायरस से लोगों में दहशत, 6 मरीज आइसोलेशन वार्ड में भर्ती

महाराष्ट्र के लोगों में कोरोना वायरस को लेकर दहशत का माहौल है. इस संबंध में सरकार ने मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संक्रमित इलाकों से आने वाले लोगों की जांच शुरू कर दी है. साथ ही 6 मरीजों को अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती करवाया गया है

Update: 2020-01-28 03:57 GMT

महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ गया है. फिलहाल मुंबई में चार और पुणे में 2 मरीजों को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है. महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ विभाग ने बताया कि नए कोरोना वायरस मामले में मुंबई के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर संक्रमित इलाकों से आने वाले मुसाफिरों की जांच शुरू कर दी गई है.

26 जनवरी 2020 तक 3756 मुसाफिरों की जांच की जा चुकी है. प्रभावित क्षेत्र से आए मुसाफिरों में से 15 मुसाफिर महाराष्ट्र के हैं. इन मुसाफिरों में से 6 मुसाफिरों में बुखार, सर्दी और खांसी जैसे लक्षण मिलने के कारण उन्हें विलगिकरन कक्ष में भर्ती किया गया.

इनमें से 4 लोगों के सैंपल पुणे के एनआईव्ही लैब को भेजे गए, जिनमें 3 निगेटिव पाए गए हैं. बाकी 1 का सैंपल पुणे के लैब में सोमवार को भेजा गया जिसकी रिपोर्ट आज यानी मंगलवार को आने की संभावना है.

दक्षता कक्ष में भर्ती कराए गए 6 लोगों में से 4 मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में तो 2 मरीज पुणे के नायडू अस्पताल में भर्ती हैं. इसमें से किसी को भी कोरोना वायरस नहीं हुआ है.

सोमवार को मुंबई में सार्वजनिक स्वास्थ विभाग के प्रधान सचिव डॉक्टर प्रदीप कुमार व्यास की अध्यक्षता में महाराष्ट्र साथी रोग रूम प्रतिबंधक व नियंत्रण तांत्रिक समिति की बैठक हुई. इस मीटिंग में पूर्व मंत्री डॉक्टर दीपक सावंत, आयुक्त आरोग्य सेवा डॉक्टर अनूप कुमार यादव और समिति के अध्यक्ष और महाराष्ट्र हेल्थ विभाग के पूर्व संचालक डॉक्टर सुभाष सालूंखे और साधना तायड़े उपस्थित थे.

इस बैठक में एनआईव्ही पुणे के स्पेशलिस्ट तथा अलग-अलग विषेशज्ञ भी उपस्थित थे. इस बैठक में करोना वायरस की फिलहाल की स्थिति की जांच की गई.

18 जनवरी से हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग भी शुरू की गई है. 1 जनवरी से 17 जनवरी तक चीन से राज्य में आए मुसाफिरों की तलाश हवाई वाहतूक विभाग की मदद से किए जाने का निर्णय लिया गया. संशयित तथा बाधित मरीज को अस्पताल से घर पहुंचाने के लिए मार्गदर्शन सूचना निश्चित किए गए हैं. निगेटिव रिपोर्ट आए मरीजों का एक और टेस्ट कर सैंपल के लिए भेजा जाएगा और वह निगेटिव आने के बाद उन्हें घर भेजने का निर्णय लिया गया.

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