मुंबई. ठाकरे परिवार के लिए 28 नवंबर का दिन ऐतिहासिक होने वाला है. बाला साहब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने जा रहे हैं. यह पहला मौका है जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य सत्ता में सीधी भागीदारी करने जा रहा है.
इस मौके पर उद्धव ठाकरे अपने चचेरे भाई राज ठाकरे को न्योता देना नहीं भूले. उन्होंने तमाम मतभेदों को भुलाते हुए छोटे भाई और मनसे प्रमुख राज ठाकरे को फोन कर शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने का न्योता दिया है. राज ने उनका निमंत्रण स्वीकार भी कर लिया है. बता दें कि पिछले एक महीने से जारी सियासी उठा-पटक के बीच राज ठाकरे ने पूरी तरह से चुप्पी साध रखी थी.
अलगाव के बाद पहली बार एक मंच पर दिखेंगे दोनों भाई
बाल ठाकरे की राजनीतिक विरासत के उत्तराधिकारी के विवाद पर उद्धव और राज ठाकरे में दूरियां बढ़ गई थीं. बाल ठाकरे ने उद्धव ठाकरे को शिवसेना की कमान सौंप दी थी. इसके बाद राज ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना नाम से अलग पार्टी बना ली. ऐसे में दोनों भाइयों के बीच दूरियां बढ़ गई थीं. ऐसे में यह पहला मौका है जब उद्धव और राज ठाकरे एक साथ एक मंच पर दिखेंगे. इससे पहले दोनों बाल ठाकरे को श्रद्धांजलि देने जैसे पारिवारिक मौकों पर ही साथ में नजर आते थे.
महाराष्ट्र की राजनीति के जानकार बताते हैं कि शपथ ग्रहण का मौका दोनों भाईयों को साथ लाने में अच्छा अवसर साबित हो सकता है. राजनीतिक जानकारों की मानें तो शरद पवार के राज ठाकरे के साथ अच्छे संबंध हैं. ऐसे में दोनों भाइयों को साथ लाने में शरद पवार एक महत्वपूर्ण कड़ी बन सकते हैं. जानकारों का कहना है कि राज ठाकरे ने बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रहे राजनीतिक घमासान के बीच चुप रहे. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज के मन में उद्धव के प्रति कोई कड़वाहट नहीं है