17 वीं लोकसभा चुनाव सबसे महंगा रहा, जानिए- एक मतदाता पर कितना हुआ खर्च

2014 के लोकसभा चुनाव 30 करोड़ खर्च हुआ था।

Update: 2019-06-01 10:27 GMT

नई दिल्ली । 2019 लोकसभा चुनाव कॉफी जद्दोदहद के बाद सात चरणों समपन्न में हुआ। जिसमें 542 सासंद चुने गये। इसमें भाजपा के प्रचंड जीत से विपक्ष का किला भी ध्वस्त हो गया। वही कांग्रेस पार्टी अपना विपक्ष का तगमा भी हासिल नही कर पाई है। आपको बतादें कि इस लोकसभा मे भाजपा के प्रचंड जीत मे 303 सीटे मिली है। और कांग्रेस को 51 सीटों पर ही जीत मिली है। इस तरह देखा जाय तो एनडीए को 352, यूपीए को 91और अन्य को 99 सीटे मिली है। यदि चुनाव के खर्चों का आकलन किया जाय तो इस लोकसभा में लगभग साठ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। यदि सब संसदीय सीट पर देखा जाय तो लगभग सौ करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुआ है।

आपको बतादे कि इस चुनावी खर्च पर शोध कर रही सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने एक रिपोर्ट में कहा गया है। यह रिपोर्ट तीन जून को राजधानी में जारी किया जाएगा। पुर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस वाई कुरैशी ने इस रिपोर्ट की भुमिका लिखी है। अब तक जितने भी चुनाव हुए है उसमें इतना खर्च नही हुआ है। 2014 के लोकसभा चुनाव में ये खर्च 30 करोड़ था।

कुरैशी ने लिखा है कि जिस चुनाव में धन का इतना इस्तेमाल हो रहा है। और राजनीतिक का अपराधीकरण बढ़ रहा है उसे देखते हुए लग रहा है कि 2019 के चुनाव से अधिक पारदर्शी, निष्पक्ष और मुक्त चुनाव भविष्य में नही हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार कुछ राज्यों में प्रत्यशीयों ने 40 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये। और औसतन प्रति मतदाता सात सौ रुपये खर्च हुए। 

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