जकात से 18 मुस्लिम लडके लडकियाँ बने IAS और IPS

18 मुस्लिम लड़के-लड़कियों ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बनने का रास्ता साफ कर लिया है.

Update: 2019-04-05 16:39 GMT

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के फाइनल नतीजे शुक्रवार को घोषित कर दिए गए हैं. कुल 1994 उम्मीदवार इंटरव्यू में शामिल हुए थे. इस बार के नतीजों में एक बार फिर से ज़कात फाउंडेशन का जलवा देखने को मिला है. यहां के 18 मुस्लिम लड़के-लड़कियों ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस और आईपीएस बनने का रास्ता साफ कर लिया है. वहीं ज़कात के सहयोग से यूपीएससी की तैयारी करने वाले यूपी के जुनैद अहमद ने आल इंडिया में तीसरी रैंक पाई है.

यूपीएससी के मेन्स एग्जाम में ज़कात के 27 मुस्लिम और दो क्रिश्चियन युवाओं ने कामयाबी हासिल की थी. जिसमे से 18 लड़के और 2 लड़कियों ने ये परीक्षा पास की है.

ये वो 18 लड़के-लड़कियां हैं जिन्होंने ज़कात की मदद से यूपीएससी की तैयारी की थी. गौरतलब है कि जक़ात फाउंडेशन जक़ात (दान) के पैसों से चलता है. हालांकि पिछली बार ज़कात फाउंडेशन की ओर से कामयाब होने वाले युवाओं की संख्या 26 थी. लेकिन इस बार ये संख्या घटकर 18 पर रह गई है.

इसके पीछे की वजह बताते हुए ज़कात फाउंडेशन के अध्यक्ष डाक्टर सैय्यद जफर महमूद ने बताया, इस बार यूपीएससी ने सीटों की संख्या घटा दी थी. आपको बता दें कि डाक्टर सैय्यद जफर महमूद खुद भी सिविल सर्विस से रिटायर्ड हैं. उन्होंने कई मंत्रालयों में अपनी सेवाएं दी हैं. वहीं सच्चर कमेटी के भी वो सदस्य रहे हैं.

खास बात ये है कि यूपीएससी की परीक्षा की तैयारियों के लिए जक़ात फाउंडेशन की मदद पाना आसान नहीं है. जक़ात की मदद पाने के लिए पहले सिविल सर्विस प्री परीक्षा स्तर की परीक्षा पास करनी होती है. उसके बाद इंटरव्यू भी पास करना होता है. इस परीक्षा का आयोजन जक़ात फाउंडेशन ही करता है.

 



 


Tags:    

Similar News